कांग्रेस के दिग्गज नेता एवं मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने बृहस्पतिवार को आर्टिकल 370 हटाए जाने के फैसले का समर्थन करने वाले कांग्रेसी नेताओं को आड़े हाथ लिया। उन्होंने कहा कि आधे से ज्यादा कांग्रेसियों को यह पता ही नहीं है कि आखिर आर्टिकल 370 है क्या? इन लोगों का कहना है कि सरकार ने अच्छा काम किया है। क्या अच्छा काम किया है? कश्मीर हाथ से निकलता जा रहा है। यदि हम कश्मीर को वापस चाहते हैं तो हमें कश्मीरियों को भी साथ लेकर चलना होगा।

इसके अलावा  सिंह ने राम मंदिर पर आये अदालत के फैसले पर भी अपनी राय रखी। उन्होंने कहा कि आरएसएस-भाजपा को सबरीमाला मंदिर पर दिये गये उच्चतम न्यायालय के फैसले को मान लेना चाहिए। उच्चतम न्यायालय ने गुरुवार को सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को लेकर दायर की गई सभी पुर्निवचार याचिकाओं को सात न्यायाधीशों वाली पीठ के पास भेजने का आदेश दिया।

इस पर दिग्विजय ने यहां संवाददाताओं को बताया, ‘‘हमारी पार्टी की सदैव यह राय रही है कि अयोध्या के राम मंदिर जैसे मतभेदों को न्यायालय पर छोड़ देना चाहिए। मुझे खुशी है कि सबने राम मंदिर मामले में अदालत का फैसला मान लिया है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इससे आरएसएस-भाजपा को सीख मिलनी चाहिए। जो अदालत का फैसला है, उसे मानना चाहिए।’’

दिग्विजय ने आगे बताया, ‘‘सबने राम मंदिर का फैसला मान लिया, तो सबरीमाला का भी मान लेना चाहिए।’’ उच्चतम न्यायालय ने आज के अपने फैसले में कहा कि धार्मिक स्थलों पर महिलाओं के प्रवेश पर प्रतिबंध केवल सबरीमला तक ही सीमित नहीं है, बल्कि अन्य धर्मों में भी ऐसा है। इसके साथ ही न्यायालय ने सभी पुर्निवचार याचिकाओं को सात न्यायाधीशों वाली पीठ के पास भेज दिया।

गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय ने पिछले साल 28 सितंबर को सभी आयु वर्ग की महिलाओं को भगवान अयप्पा के मंदिर जाने और पूजा करने की अनुमति दी थी। न्यायालय के इस फैसले के बाद राज्य सरकार ने फैसले पर अमल करने की कोशिश की, जिसके बाद राज्य में हिंसक प्रदर्शक हुए।

(भाषा इनपुट्स के साथ)