उन्होंने कहा कि जो लोग इस निर्णय की आलोचना कर रहे हैं, उन्हें इस बारे में फिर से सोचना चाहिए। जगदीश कुमार ने ‘जनसत्ता’ से विशेष बातचीत में बताया कि विदेशी विश्वविद्यालयों के परिसर हमारे विद्यार्थियों के लिए शुरू किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि हम विदेशी विश्वविद्यालयों को भारत में इसलिए नहीं ला रहे हैं कि बाहर पढ़ने जाने वाले विद्यार्थियों को रोका जा सके। हमारा देश व यहां के लोग स्वतंत्र हैं और वे जहां मन चाहे पढ़ाई कर सकते हैं।

उन्होंने कहा कि ये परिसर भारतीय विद्यार्थियों के विदेश में जाकर पढ़ाई करने से रोकने के लिए नहीं हैं बल्कि उन्हें पढ़ाई के नए विकल्प देने के लिए हैं। कुमार ने कहा कि अभी हमारे विद्यार्थियों के पास सिर्फ दो विकल्प हैं। एक या तो वे भारत के सबसे बेहतर विश्वविद्यालयों में पढ़ें या फिर विदेश जाकर पढ़ें। भारत में विदेशी विश्वविद्यालयों के परिसर खुलने के बाद हमारे विद्यार्थियों के पास तीसरा विकल्प भी होगा कि वे भारत में रह कर विदेशी विश्वविद्यालयों से पढ़ाई करें।

कुमार ने कहा कि भारत में परिसर स्थापित करने के लिए हम दुनिया के शीर्ष 500 विश्वविद्यालयों तक पहुंचे हैं। उन्होंने बताया कि कई विश्वविद्यालयों ने हमारे देश में परिसर स्थापित करने के बारे में कहा है। लेकिन यह प्रक्रिया समय लेने वाली है।उन्होंने बताया कि इस संबंध में यूजीसी नियमन पर हितधारकों से राय व सुझाव के लिए समय सीमा को तीन फरवरी तक बढ़ाया गया है। इसके बाद सभी सुझावों को पढ़ने और जो सुझाव जरूरी होंगे उन्हें शामिल करने के बाद फरवरी के अंत तक इन नियमन को अधिसूचित कर देंगे।

विदेशी विश्वविद्यालय मार्च से इसके लिए आवेदन कर पाएंगे। कुमार ने बताया कि पहले ये विश्वविद्यालय यूजीसी नियमन को पढ़ेंगे और उसके बाद ये विश्वविद्यालय अपने यहां चर्चा करके इस बारे में निर्णय लेंगे। उन्होंने बताया कि जब भी कोई विदेशी विश्वविद्यालय भारत में परिसर खोलने के लिए यूजीसी के पास आएगा, उसके बाद 90 दिनों में उनको मंजूरी मिल जाएगी।

इसके बाद परिसर स्थापित करने के लिए उन्हें दो साल दिए जाएंगे क्योंकि किसी परिसर को बनाने, शिक्षकों व कर्मचारियों की नियुक्ति आदि प्रक्रिया में समय लगता है। इसके बाद भी ये विश्वविद्यालय परिसर स्थापना के लिए समय मांगेंगे तो हम एक और साल इन्हें देंगे। यूजीसी अध्यक्ष ने कहा कि विदेशी विश्वविद्यालयों के आने से हमारे विश्वविद्यालयों के शीर्ष 100 में आने की संभावना बढ़ेगी क्योंकि इससे विश्वविद्यालयों के बीच प्रतिस्पर्धा बढेÞगी।