भारतीय सेना अपने पूर्व प्रमुख जनरल एम एम नरवणे के संस्मरण की समीक्षा कर रही है। इसमें पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर रेचिन ला (Rechin La) में चीनी पीएलए टैंकों और सैनिकों की आवाजाही के बाद 31 अगस्त, 2020 की रात को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ हुई उनकी बातचीत के विवरण का खुलासा किया गया है। इंडियन एक्सप्रेस को पता चला है कि संस्मरण के अंश फोर स्टार्स ऑफ डेस्टिनी समाचार एजेंसी प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया ने 18 दिसंबर को प्रकाशित किए थे। प्रकाशक पेंगुइन रैंडम हाउस को समीक्षा पूरी होने तक पुस्तक के अंश या सॉफ्ट कॉपी शेयर नहीं करने के लिए कहा गया है।

पहले यह किताब इसी महीने आने वाली थी

बताया जा रहा है कि रक्षा मंत्रालय भी “कुछ हद तक” इस काम में शामिल है। इस संस्मरण में 2020 में पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ सैन्य गतिरोध की जानकारी है, जिसमें गलवान घाटी झड़प और अग्निपथ योजना भी शामिल है। पहले यह किताब इसी महीने बाजार में आने वाली थी।

नरवणे ने कहा- ”मुझे जो करना था, मैंने कर दिया”

द इंडियन एक्सप्रेस के संपर्क किए जाने पर जनरल नरवणे ने उन महत्वपूर्ण सवालों का जवाब नहीं दिया कि क्या प्रकाशकों को पांडुलिपि सौंपने से पहले आधिकारिक मंजूरी ली गई थी या क्या सेना द्वारा की गई समीक्षा के कारण पुस्तक रिलीज में देरी हुई थी। उन्होंने कहा, “मुझे जो करना था वह मैंने कर दिया है और पांडुलिपि कई महीने पहले प्रकाशकों को सौंप दी है। यह प्रकाशकों पर निर्भर है कि वे बताएं कि देरी हुई है या नहीं। वे ही संपर्क में हैं और उनसे मुझे सब कुछ बताने की उम्मीद नहीं की जाती है।”

लद्दाख में गतिरोध पर डिटेल के साथ जनरल नरवणे का संस्मरण ऐसे समय में आया है जब भारत और चीन अभी भी एलएसी पर हालात को सुधारने के लिए सैन्य और राजनयिक वार्ता कर रहे हैं। आखिरी डिसइंगेजमेंट सितंबर 2022 में गोगरा-हॉट स्प्रिंग्स क्षेत्र में हुआ था। भारतीय सैनिकों को पारंपरिक गश्त बिंदुओं तक पहुंच से वंचित किया जा रहा है और देपसांग मैदानों और डेमचोक में पीएलए की उपस्थिति का मुद्दा बना हुआ है।

समीक्षा के संबंध में द इंडियन एक्सप्रेस के सवालों का पेंगुइन रैंडम हाउस ने जवाब नहीं दिया कि क्या यह पुस्तक लॉन्च की समयसीमा को प्रभावित करेगा। पिछले महीने, पीटीआई ने जनरल नरवणे की किताब के कुछ अंश उद्धृत किए थे, जिसमें उनके और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के बीच 31 अगस्त, 2020 को हुए संवाद की बात की गई थी, जब चीनी रेचिन ला में टैंक और जवानों को ले जा रहे थे।