जम्मू कश्मीर में सेना ने इस साल करीब 190 आतंकियों को मौत को घाट उतारा है। 15 कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग (जीओसी) लेफ्टिनेंट जनरल जे एस संधू ने ये बात कही है। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक संधू ने कहा है, ‘2017 में अभी तक हमने 190 आतंकियों को मार गिराया है। इनमें से 80 लोकल आतंकी थे तो वहीं 110 आतंकी विदेशी थे। इन 110 आतंकियों में से 66 को घुसपैठ करने के दौरान ढेर किया गया।’ इसके साथ ही संधू ने यह भी बताया कि 125-130 आतंकियों को कश्मीर घाटी के आतंरिक इलाकों में मारा गया है। उन्होंने कहा, ‘इस साल हमने करीब 125 से 130 आतंकियों को कश्मीर के आंतरिक इलाकों में ढेर किया है। इसके कारण स्थिति में असाधारण परिवर्तन देखने को मिला है।’ लेफ्टिनेंट जनरल जे एस संधू ने बताया, ‘हमने इस साल सितंबर मध्य में हजीन में कई तरह के ऑपरेशन शुरू किए थे। इसके साथ ही हम रोज ही सर्च ऑपरेशन चला रहे हैं। कई इलाकों में स्पेशल फोर्सेज को भेज कर ऑपरेशन चलाया जा रहा है।

सेना द्वारा चलाए जा रहे सर्च ऑपरेशन के मद्देनजर अब आतंकियों के परिवार वाले हथियार उठा चुके अपने बेटों से घर वापस आने की अपील कर रहे हैं। कश्मीर में आतंकवादियों के परिवारवाले लगातार ही अपने बेटों से हथियार छोड़कर मुख्यधारा में वापस आने की गुहार लगा रहे हैं। फुटबॉलर माजिद खान द्वारा अपनी मां की अपील स्वीकार करते हुए हथियार छोड़ने के फैसले के बाद अब एक और मां सामने आई है, जो अपने बेटे से घर लौटने की गुहार लगा रही है। पुलवामा जिले की जवाहरा बेगम ने आतंकवादी गुटों से अपने बेटे मंजूर को छोड़ने की अपील की है।

जवाहरा बेगम का कहना है, ‘अगर मेरा बेटा किसी गुट से जुड़ गया है तो अल्लाह के वास्ते उसे वापस लौटने दो। मैं पूरी तरह से टूट चुकी हूं। मेरे पास कोई दूसरा सहारा नहीं है।’ कहा जा रहा है कि 20 साल का मंजूर कुछ दिनों पहले हिजबुल मुजाहिद्दीन में शामिल हो गया है, लेकिन फुटबॉलर माजिद खान के मामले के बाद अब मंजूर के परिवारवालों के मन में भी उम्मीदें जाग गई हैं। लश्कर-ए-तैयबा का कहना है कि उसने माजिद की मां की अपील के बाद उसे घर जाने दिया।