असम में एक सेमीनार में शिरकत करने पहुंचे सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने उत्तर पूर्व में आबादी की रफ्तार (जिसे बदला नहीं जा सकता) को रेखांकित करते हुए बुधवार (21 फरवरी) को चेताया कि मौलाना बदरुद्दीन अजमल की पार्टी ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) का विस्तार भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) से तेज हुआ है। जनरल रावत ‘भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र में खाई भरने और सीमा को सुरक्षित रखने’ के विषय पर आयोजित सेमीनार में बोल रहे थे। जनरल रावत ने कहा- ”मैं नहीं समझता हूं कि आप इस इलाके की आबादी की रफ्तार को बदल सकते हैं। अगर यह पांच जिलों से आठ और नौ जिलों तक पहुंच गई तो इसके पीछे वजह किसी भी सरकार के रहते लोगों के आने-जाने की दर रही।”
उन्होंने कहा- ”एक पार्टी है एआईयूडीएफ, अगर आप देखें तो बीजेपी का इतने वर्षों में जितना विस्तार हुआ, उसके मुकाबले एआईयूडीएफ का तेजी से विस्तार हुआ। जब हम जनसंघ की बात करते हैं और बात करते हैं इसे दो सांसदों से वे कहां पहुंच गए तो हमें यह भी देखना चाहिए कि एआईयूडीएफ असम में तेजी आगे बढ़ रही है। आखिरकार हमें यह देखना होगा कि असम कैसा राज्य होगा।”
उन्होंने कहा- ”मैं सोचता हूं कि हमें समझना होगा कि इलाके में जाति, पंथ, धर्म या लिंग को देखे बिना सभी लोगों के साथ रहने में ही भलाई है। मुझे लगता है सबसे अच्छा यह होगा कि जो लोग वहां रह रहे हैं, उन लोगों की पहचान हमारे लिए जोखिम खड़ा करने वालों के रूप में न करके उनसे मिलजुलकर रहा जाए। हमें लोगों को अलग करके, उनकी पहचान करके ज्यादा नुकसान उठाना पड़ेगा। हां, कुछ लोगों की पहचान करना जरूरी है, जो हमारी लिए मुश्किल खड़ी करते हैं और जो अवैध अप्रवासी हैं। लेकिन जहां तक मेरी जानकारी में है तो मुस्लिम आबादी राज्य में 1218 से 1228 के बीच आई, यह पहली बार था जब मुस्लिम असम में आए थे। हमें यह समझना होगा कि वे बाद में नहीं आए, वे पहले आए। वे अहोम के समवर्ती आए।
ये दोनों लोग आसम और उत्तर पूर्वी मंडल के लिए दावा कर चुके हैं। बांग्लांदेश से पलायन के दो कारण हैं। पहला कि उनके लिए जगह नहीं बच रही है, मॉनसून में बड़ा इलाका बाढ़ से ग्रसित हो जाता है और उनके पास रहने लिए संकुचित क्षेत्र बचता है। दूसरा कारण यह है कि हमारे पश्चिमी पड़ोसी के कारण उनके आव्रजन की योजना बनाई जाती है। वे हमेशा यह कोशिश करेंगे कि इस इलाके में वे लोग कब्जा कर लें, यह प्रॉक्सी डाइमेंशन युद्ध है।” उन्होंने कहा कि हमारा पश्चिमी पड़ोसी अच्छे से प्रॉक्सी गेम खेल रहा है, जिसका साथ उत्तरी पड़ोसी दे रहा है।”
समाचार एजेंसी एएनआई की खबर के मुताबिक सेना ने गुरुवार (22 फरवरी) को कहा- ”वहां कुछ भी राजनीतिक या धार्मिक बात नहीं की गई। सेना प्रमुख ने उत्तर पूर्व पर आधारित सेमीनार में एकीकरण और विकास को लेकर बात की, जिसे डीआरडीओ भवन ने 21 फरवरी को आयोजित किया था।”
There is nothing political or religious in the talk. Army Chief just mentioned amalgamation & development in the seminar on North-East organised at DRDO Bhawan on 21 Feb 18: Army
— ANI (@ANI) February 22, 2018