देश में राजमार्गों को बार-बार होने वाली सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए सड़क एंव परिवहन मंत्रालय मार्गों पर दुर्घटना वाले क्षेत्रों (ब्लैक स्पाट) को पुन: चिह्नित करेगा। राजमार्गों पर होने वाले हादसों में कमी लाने के लिए मंत्रालय यह पहल कर रहा है। मंत्रालय ने इस बाबत सभी राज्यों के प्रधान सचिवों, सचिवों, मुख्य अभियंताओं और महानिदेशक (सीमा सड़क) और मंत्रालय की परियोजना इकाइयों को प्रक्रिया शुरू करने के आदेश दिए हैं।
सड़क परिवहन मंत्रालय के मुताबिक दुर्घटना संभावित क्षेत्र के चयन के लिए राज्य पुलिस के माध्मय से राजमार्गों की दुर्घटनाओं को लेकर सामने आने वाले आंकड़ों के आधार पर दुर्घटना संभावित क्षेत्र चिह्नित किए जाते हैं। तय मानक के आधार पर एक ही जगह पर पांच या दस से अधिक दुर्घटना होने पर इन जगहों को दुर्घटना संभावित क्षेत्र घोषित किया जाता है। इसके अतिरिक्त इन मार्गों में सामने आने वाली अभियांत्रिक खामियों को खत्म कर इन मार्गों को आम जनता के लिए सुगम बनाया जाता है। इस प्रक्रिया को सड़क लेखा आडिट के तहत पूर्ण किया जाता है। इन आडिट रिपोर्ट को ही मार्गों के सुधार का आधार बनाया जाता है।
मंत्रालय की रिपोर्ट मुताबिक दिसंबर 2021 के अंत तक मंत्रालय ने 18,096 किलोमीटर मार्गों का आडिट किया है। मंत्रालय के मुताबिक 2018 तक के तीन साल के मार्गों का आडिट उपलब्ध है। इसके लिए मंत्रालय ने 2016 से 2018 के दौरान हुई सड़क दुर्घटना के आधार पर कुल 5,803 जगहों को दुर्घटना वाले क्षेत्र के तौर पर चिह्नित किया, जोकि देश के सभी 31 राज्यों के राजमार्ग में पाए गए थे। रिपोर्ट के मुताबिक 2018 में इन मार्गों पर 12,047 दुघटनाएं हुई थीं, जो बीते सालों की तुलना में कम थी।
इन मार्गाें पर किए गए सुधार कार्याें के बाद मार्गों पर हादसों में कमी लाई गई थी। इनके लिए आम जनता को ऐसे संभावित क्षेत्रों के प्रति जागरूक करने के साथ साथ इन जगहों पर अभियंताओं की तरफ से दिए जाने वाले सुझावों को मार्ग सुधार के लिए शामिल किया था। इसके अतिरिक्त इन मार्गों पर वाहन चालकों को प्रशिक्षण भी दिया गया था। इसका असर यह हुआ कि 2019 में इन मार्गों पर हादसों में 0.32 फीसद और 2020 में 10.93 फीसद की कमी आई।
बीते साल सबसे कम हुआ निर्माण
मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक बीते तीन साल राजमार्ग का निर्माण कार्य सबसे कम रहा है। 2021-22 में नवंबर तक केवल 5118 किलोमीटर सड़कों का निर्माण किया गया है। यह निर्माण बीते सालों में सबसे कम रहा है। मंत्रालय ने 2018-19 में 10,855, 2019-20 में 10,237, 2020-21 में 13,327 किलोमीटर मार्गों का निर्माण किया था।