कनाडा और भारत के बीच अब रिश्ते सामान्य नहीं हैं। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने वहां की संसद में एक ऐसा बयान दे दिया, जिससे दोनों देशों के बीच दूरियां बढ़ती जा रही हैं। वहीं अब मसूर की दाल को लेकर भी लोगों की चिंताएं बढ़ गई हैं। दरअसल भारत बड़ी मात्रा में कनाडा से मसूर दाल को इंपोर्ट करता है। कनाडा भारत के लिए मसूर दाल का मुख्य आयातक देश है।
क्या बढ़ जाएंगी मसूर की दाल की कीमतें?
कई लोगों को कहना है कि भारत और कनाडा के बीच रिश्तों में तल्खी के चलते मसूर की दाल की कीमत बढ़ जाएंगी। हालांकि अभी ऐसा नहीं होने जा रहा है। सूत्रों के अनुसार केंद्र सरकार के अधिकारियों ने कहा कि दोनों देशों के बीच रिश्तों में आई तल्खी का असर इंपोर्ट या एक्सपोर्ट पर नहीं पड़ रहा है।
भारत में हर साल लगभग 23 लाख टन दाल की खपत होती है, जबकि देश में महज 16 लाख टन दाल का उत्पादन होता है। ऐसे में बाकी जरूरत को पूरा करने के लिए भारत दूसरे देशों से दाल को निर्यात करता है। कनाडा से लगभग 6 लाख टन मसूर की दाल का आयात होता है और इस वर्ष के लिए भारत के बंदरगाहों पर यह पहुंच चुका है।
ऐसे में दाल को लेकर देश में किसी भी व्यक्ति को परेशानी नहीं होने वाली है। भारत में वर्ष 2022-23 में कनाडा से 4.85 लाख टन मसूर की दाल का इंपोर्ट किया था। इसकी कीमत करीब 3000 करोड़ रुपए थी। इसी वर्ष अप्रैल से जून के बीच भारत ने 1 लाख टन मसूर दाल को कनाडा से मंगाया है।
भारत दूसरे देशों से भी निर्यात करेगा मसूर की दाल
हालांकि भारत सरकार ने ऐसी तैयारी शुरू कर दी है कि भारत अब दूसरे देशों से भी मसूर की दाल का निर्यात करें। केंद्र सरकार ने 2 वर्ष पहले रूस से मसूर के आयात को मंजूरी दे दी थी, लेकिन वहां पर कीमतें अधिक थी, इसलिए अभी तक आयात शुरू नहीं हो पाया है। हालांकि भारत उन देशों की सूची तैयार कर रहा है, जहां से सस्ती दरों पर मसूर मंगवाया जा सकता है।