अभिनेता अनुपम खेर का नाम राज्य सभा की सदस्यता चल रहा है। खबरों के अनुसार अनुपम को सातवें नामांकित सदस्य के रूप में संसद के ऊपरी सदन में भेजा जा सकता है। लेकिन इसी बीच उनके नाम पर विरोध भी शुरू हो गया है। कश्मीरी पंडितों के एक संगठन ने अनुपम खेर के नाम पर विरोध जताया है। कश्मीरी पंडित संघर्ष समिति के अध्यक्ष संजय टिक्कू ने कहा कि यह अवसरवादिता की राजनीति की पराकाष्ठा है।
उन्होंने कहा,’खेर इसके लायक नहीं है। उन्होंने समाज के लिए क्या किया है। और भी बहुत सारे दिग्गज हैं जिन्होंने पंडित समुदाय के लिए काम किया है। पिछले एक साल से उन्होंने(अनुपम खेर) ने राज्य सभा सीट पर अपनी आंखें गड़ा रखी थी। इस अवधि में उन्होंने हमारा ज्यादा नुकसान किया है। दूसरे समुदाय के खिलाफ जहर उगलने से कुछ हासिल नहीं होगा।’ टिक्कू यहीं नहीं रूके और कहा,’ कश्मीर घाटी में 6000-7000 हिंदू रहते हैं, वे उनका मनोबल कैसे बढ़ाएंगे। हमने अभी तक अकेले यह किया है। उनके भाषणों के चलते हम असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। खेर ऐसा कैसे कह सकते हैं कि कोई भारतीय अगर तिरंगा नहीं रखता है तो वह राष्ट्रवादी नहीं है। वे अपने परिवार के साथ घाटी में शिफ्ट क्यों नहीं हो जाते। क्या वे कभी मेरे या किसी और परिवार से मिले हैं।’
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बता दें कि पिछले साल अनुपम खेर ने इंटॉलरेंस और अवार्ड वापसी जैसे मुद्दों पर मोदी सरकार का बचाव किया था। उन्होंने अवार्ड लौटाने वाले साहित्यकारों को भी निशाने पर लिया था। साथ ही उन्होंने अवार्ड वापसी अभियान के खिलाफ मोर्चा भी निकाला था। उन्होंने भारत माता की जय बोलने और जेएनयू जैसे मामलों में भी केंद्र सरकार के रूख का समर्थन किया था। बता दें कि उनकी पत्नी किरण खेर चंडीगढ़ से लोकसभा सांसद हैं।
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