दिल्ली के जंतर मंतर पर मुस्लिम विरोधी नारेबाजी पर हिंदू रक्षा दल के संस्थापक पिंकी चौधरी ने कहा है कि वहां सभी हिंदू रक्षा दल के कार्यकर्ता थे, मैं जिम्मेदारी लेता हूं। उनका कहना है कि सरकार को सभी लोगों को माफ कर देना चाहिए। उधर, बीजेपी नेता कपिल मिश्रा अश्विनी उपाध्याय के समर्थन में उतरे।
पिंकी चौधरी ने 2013 में हिंदू रक्षा दल नाम से एक संगठन बनाया था। इसके ज्यादातर सदस्य दिल्ली-एनसीआर से आते हैं। जनवरी 2014 में इस संगठन पर आम आदमी पार्टी के कौशाम्बी दफ्तर पर हमले का आरोप लगा। उस मामले में पुलिस ने चौधरी और अन्य को गिरफ्तार किया था। गाजियाबाद का रहने वाले पिंकी ने एक बार दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल पर हमले की कोशिश की थी। पिछले साल जेएनयू में हुई हिंसा की जिम्मेदारी भी पिंकी चौधरी ने ली।
जंतर-मंतर पर मुस्लिम समुदाय के खिलाफ हुई नारेबाजी के मामले में पुलिस को पिंकी चौधरी की भी तलाश है। पुलिस ने बीजेपी के पूर्व प्रवक्ता अश्विनी उपाध्याय समेत छह लोगों को गिरफ्तार किया है। एक अधिकारी के अनुसार, पिंकी चौधरी इस मामले के प्रमुख संदिग्धों में से एक है।
पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना ने इलाके के डीसीपी और जॉइंट कमिश्नर को मामला सौंपा है। कई लोगों की पहचान हो चुकी है और उनकी तलाश में दबिश दी जा रही है। जंतर मंतर का विडियो पुलिस के पास पहुंचने के बाद आईपीसी 153(ए) और 188 के तहत एफआईआर दर्ज हुई थी।
पुलिस ने इस मामले में अश्विनी उपाध्याय, नॉर्थ ईस्ट में रहने वाले दीपक सिंह, विनोद क्रांति, प्रीत सिंह, दीपक और विनोद शर्मा को पकड़ा गया है। एक ट्वीट में अश्विनी उपाध्याय ने कहा था कि वह नारेबाजी करने वाले को नहीं जानते हैं।
अश्विनी उपाध्याय का कसूर क्या हैं ?
जंतर मंतर पर ना उन्होंने भड़काऊं बयान दिया, ना उनके मंच से भड़काऊं बात हुई
आज एक ओर सरेआम एक स्वामी को चाकुओं से गोद दिया गया उस पर चुप्पी और जंतर मंतर को hate का प्रतीक
असली मुद्दे से भटकाना क्यों? #IsupportAshwiniUpadhyay pic.twitter.com/xxYly9fvdA
— Kapil Mishra (@KapilMishra_IND) August 10, 2021
उधर, कपिल मिश्रा ने कहा कि अश्विनी उपाध्याय का कसूर क्या हैं? जंतर मंतर पर ना उन्होंने भड़काऊं बयान दिया, ना उनके मंच से भड़काऊं बात हुई। आज एक ओर सरेआम एक स्वामी को चाकुओं से गोद दिया गया। उस पर चुप्पी है पर जंतर मंतर को hate का प्रतीक बनाया जा रहा है। उनका आरोप है कि ये सब कुछ असली मुद्दे से भटकाना की साजिश है।