हिजबुल मुजाहिद्दीन के कमांडर बुरहान वानी के 8 जुलाई को मारे जाने के बाद से हिंसा और तनाव को लेकर चर्चित रहने वाला कश्मीर एक बार फिर एक अन्य वानी के कारण सुर्खियों में है। दूसरे वानी ने सीमा सुरक्षा बल (BSF) की सहायक कमांडेंट परीक्षा में टॉप करके जम्मू-कश्मीर का नाम पूरे देश में ऊंचा किया है। नबील अहमद वानी असिस्टेंट कमांडेंट के तौर पर बीएसएफ ज्वाइन करेंगे। वानी ने रविवार को गृहमंत्री राजनाथ सिंह से भी मुलाकात की।
नबील अहमद वानी की मां हनीफा बेगम का कहना है कि मेरे बेटे का सपना पूरा हो गया है। घाटी का हर लड़का और लड़की अपने सपनों का पीछा करते हैं और उन्हें पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं। साथ ही भारत का नाम रोशन करते हैं। सरकार का मानना है कि नबील का बीएसएफ ज्वाइन करना जम्मू-कश्मीर के गुमराह नौजवानों के लिए संदेश होगा, वह अच्छी शिक्षा और जॉब के जरिए जम्मू-कश्मीर और भारत को मजबूत बनाने का कार्य कर सकते हैं। गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने वानी से मुलाकात के बाद कहा, ‘ नबील की सफलता की कहानी दर्शाती है कि जम्मू कश्मीर के युवाओं में काफी संभावना है और उनकी सफलता राज्य में कई युवा लड़कों और लड़कियों को प्रेरित करेगी।’
पठानकोट से बी.टेक किए हुए नबील अहमद वानी ने रविवार को कहा, जम्मू-कश्मीर के युवाओं के बीच बेरोजगारी सबसे बड़ी समस्या है, जिसे केवल शिक्षा के जरिये ही हल किया जा सकता है। “हम जितनी अच्छी शिक्षा हासिल करेंगे, हमें उतनी ही बढ़िया नौकरी मिलेगी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम हाथ में पत्थर लेकर शिक्षा हासिल नहीं कर सकते, लेकिन हाथ में कलम पकड़कर कर सकते हैं।’’
वानी वर्तमान में उधमपुर में कनिष्ठ अभियंता के तौर पर कार्यरत हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने अपने लिए रक्षा बल में शामिल होने का लक्ष्य बना लिया था। इसके बाद मैं सशस्त्र बल समेत सीमा सुरक्षा बल की अनेक परीक्षाओं में शामिल हुआ। मुझे बहुत खुशी है कि मैं सीमा सुरक्षा बल की सहायक कमांडेंट परीक्षा में शीर्ष पर रहा।’’ वानी ने 2012 में अपनी बीटेक खत्म किया था। पढ़ाई के दौरान वो पैसे कमाने के लिए दूसरों को पढ़ाया भी करते थे और चंडीगढ़ में पढ़ने वाली अपनी बहन को पैसे भेजा करते थे। उच्च शिक्षा के लिए सरकारी स्कॉलरशिप मिली। 2013 में वानी पहली बार असिस्टेंट कमांडेंट की परीक्षा में बैठे हालांकि वह सफल नहीं हो सके। इस साल उन्होंने टॉप किया है। वानी के पिता की दो साल पहले मौत हो गई थी। वह पेशे से अध्यापक थे।
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एग्जाम टॉप करने के बाद वानी ने एएनआई से बातचीत में कहा था कि वह हमेशा से देश की सेवा और आतंकियों के खिलाफ जंग लड़ना चाहते थे। नबील अहमद वानी ने कहा, ‘मैं युवाओं को कहना चाहता हूं कि वे अपने सपनों का पीछा करें, लेकिन उसके लिए गलत रास्ता न चुनें।