Bihar Bridge Collapse: बिहार में पुल गिरने के मामले थम नहीं रहे हैं। बीते 10 दिन के अंदर एक और पुल ढह गया है। किशनगंज जिले में कनकई और महानंदा नदी को जोड़ने वाली एक छोटी सहायक नदी पर बना पुल ढह गया। यह 70 मीटर लंबा पुल बहादुरगंज और दिघलबैंक ब्लॉक को जोड़ता था और इसके ढहने से दोनों शहरों के लोगों को आवाजाही में काफी परेशानी होने वाली है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, नदी का जलस्तर बढ़ गया और पुल के बीच में मौजूद कई खंभे करीब डेढ़ फुट नीचे डूब गए। बहादुरगंज थाने के एसएचओ अभिनव परासर अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे और तत्काल इलाके के दोनों तरफ बैरिकेडिंग कर दी। इतना ही नहीं सभी गाड़ियों की आवाजाही को भी पूरी तरह बंद कर दिया है। जिला मजिस्ट्रेट तुषार सिंगला ने बताया कि यह पुल 2011 में मादिया पर बनाया गया था। यह एक छोटी सहायक नहीं है जो कांकाई को महानंदा से जोड़ती है।
नेपाल में भारी बारिश की वजह से जलस्तर में बढ़ोतरी
डीएम सिंगला ने बताया कि नेपाल में भारी बारिश की वजह से यहां के जलस्तर में इजाफा हो गया। इस कारण पुल का एक पिलर नदी की तेज धारा को सहन नहीं कर सका और धाराशायी हो गया। हालांकि, पुल के ढहने से किसी भी व्यक्ति के घायल होने की जानकारी नहीं मिली है। साल 2011 में इस पुल को करीब 25 लाख रुपये की लागत से बनाया गया था।
बिहार में अब तक गिर चार पुल
बिहार में पिछले एक हफ्ते में पुल गिरने के तीन मामले सामने आ चुके हैं। अररिया, सिवान और मोतिहारी के बाद अब किशनगंज में भी पुल ढह गया है। सबसे पहले 18 जून को अररिया के सिकटी में बकरा नदी पर 12 करोड़ का एक पुल उद्घाटन से पहले ही गिर गया था। इसके चार दिन बाद यानी 22 जून को सिवान में दरौंदा और महाराजगंज ब्लॉक को जोड़ने वाली नहर पर बना पुल भी ढह गया। तीसरा पुल पूर्वी चंपारण के मोतिहारी में 23 जून को गिरा था। यहां घोड़ासहन ब्लॉक में एक पुल बनाने का काम चल रहा था। इसी दौरान यह पुल भी गिर गया। इसके बाद अब किशनगंज में चौथा पुल गिरा है। बार-बार पुल गिरने की वजह से सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं।