सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने आज कहा कि विवादास्पद भूमि अध्यादेश को खत्म किये जाने तक वह शांत नहीं बैठेंगे। इस अध्यादेश के खिलाफ राष्ट्रीय राजधानी में उनके विरोध प्रदर्शन का आज दूसरा दिन है।

हजारे ने आज अपना प्रदर्शन शुरू करते हुए कहा कि आंदोलन में शामिल होने के लिए राजनीतिक दलों से आए लोगों का स्वागत है लेकिन वह उनके साथ मंच साझा नहीं करेंगे और यह स्पष्ट कर दिया कि वह अपने आंदोलन को किसी राजनीतिक रंग में रंगने की अनुमति नहीं देंगे।

उन्होंने कहा, ‘‘अगर राजनीतिक दल मंच पर आते हैं तो ऐसा लगेगा कि यह विरोध प्रदर्शन पार्टियों द्वारा हो रहा है।’’
उन्होंने राजग सरकार पर किसानों के हितों में काम नहीं करने का आरोप लगाया।

दोपहर में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी हजारे का साथ देने जंतर-मंतर पहुंचे। उन्होंने हजारे के साथ मंच पर से वहां मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए भूमि अधिग्रहण विधेयक को किसानों के खिलाफ़ बताया।

सरकार पर केवल कॉरपोरेट के लिए काम करने का आरोप लगाते हुए हजारे ने कहा कि जब तक सरकार विवादित अध्यादेश वापस नहीं लेती है वह चुप नहीं बैठेंगे।

हजारे ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘राजनीतिक दल देश के हैं। और सरकार चलाने वाले लोग भी देश के हैं। जो लोग नाइंसाफी झेल रहे हैं वो भी इसी देश के हैं। इसलिए किसान अगर अन्याय के शिकार हुए हैं और हर कोई अन्याय से लड़ने के लिए आता है तो क्या दिक्कत है।’’