अनिल बोकिल नाम के शख्स का कहना कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार ने कालेधन पर लगाम लगाने के लिए नोटबंदी को ठीक तरीके से लागू नहीं किया। अनिक बोकिल ‘अर्थक्रांति’ नाम के संगठन के संस्थापक हैं। अनिल ने दावा किया कि उन्होंने ही सरकार को नोटबंदी का सुझाव दिया था। मुंबई मिरर की एक खबर के अनुसार, अनिल ने कहा कि सरकार ने उनका सुझाव माना तो सही लेकिन पूरे तरीके से नहीं। अनिल ने कहा कि वह आने वाले दिनों में फिर से पीएम मोदी से मिलने वाले हैं लेकिन अभी पीएमओ ने उनकी मुलाकात के लिए वक्त तय नहीं किया है। अनिक के मुताबिक, उन्होंने जुलाई में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मीटिंग की थी और नोटबंदी का सुझाव दिया था। अनिल का दावा है कि उन्होंने सरकार को कुल पांच प्वाइंट बताए थे लेकिन सरकार ने उनमें से सिर्फ दो को ही लागू किया। अनिल का मानना है कि उसकी वजह से ही लोगों को परेशानी हो रही है।
अनिल ने दावा किया कि उनके संगठन द्वारा जो रोडमैप बनाया गया था उससे आम लोगों को कोई परेशानी नहीं होती। अनिल ने बताया कि उन्होंने कहा था कि सरकार को नोटबंदी के साथ-साथ केंद्र और राज्य द्वारा लगाए गए टैक्स को भी हटा देना चाहिए था। अनिल ने कहा कि उन्होंने बैंक द्वारा लिए जाने वाले ट्रांसेक्शन टैक्स, लीगल लिमिट को भी हटाने की मांग की थी।
अनिल ने बताया था कि उनका संगठन पिछले 16 सालों से कालेधन को खत्म करने पर काम कर रहा है। अनिल ने बताया कि साल 2000 में उन्होंने संगठन की शुरुआत ही कालेधन के मुद्दे के साथ की थी। उनकी टीम में 16 कमेटी सदस्य हैं। अनिल ने 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी। वह मुलाकात तकरीबन 2 घंटे चली थी।
गौरतलब है कि मोदी सरकार द्वारा 8 नवंबर को नोटबंदी का ऐलान किया गया था। उसमें बताया गया था कि 500 और 1000 के नोट 30 दिसंबर 2016 के बाद से नहीं चला करेंगे। इसके साथ ही 2000 और 500 रुपए के नए नोटों के आने की जानकारी भी दी गई थी। तब से ही बैंक और एटीएम के बाहर लोगों की लाइन खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। लोग अपने नोट बदलवाने के लिए बैंकों के चक्कर काटने को मजबूर हैं।