आंध्रप्रदेश के अमरावती में पूर्व मुख्यमंत्री और टीडीपी नेता चंद्रबाबू नायडू को ले जा रही बस पर कुछ लोगों ने चप्पलें फेंकी। चंद्रबाबू नायडू गुरुवार को अमरावती में चल रहे निर्माण कार्यों का जायजा लेने जा रहे थे। उनकी बस जब वेंकटापलेम के पास से गुजर रही थी, तभी ये लोग वाईएसआर कांग्रेस के समर्थन में नायडू के खिलाफ प्रदर्शन करने लगे। वाईएसआर कांग्रेस ने पहले ही कहा था कि वह चंद्रबाबू नायडू के अमरावती दौरे का विरोध करेगी। साथ ही उन्होंने कहा था कि वह किसानों के साथ मिलकर नायडू के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे।
पूर्व सीएम बोले- विकास की योजना बर्बाद कर दी गई गुरुवार को अमरावती पहुंचने पर टीडीपी नेता चंद्रबाबू नायडू ने वहां चल रहे निर्माण कार्यों का जायजा लिया। इस मौके पर उन्होंने मीडिया से कहा, “मैंने एक विकसित हैदराबाद के लिए ‘विजन 2020’ बनाया था और आज इसे रहने योग्य सबसे बेहतरीन शहरों में से एक का दर्जा दिया गया है। उस अनुभव के साथ हैदराबाद की तर्ज पर हम अमरावती को रहने के लिए सबसे बेहतरीन जगह बनाना चाहते थे, लेकिन इस व्यक्ति (जगन मोहन रेड्डी) ने इसको बर्बाद कर दिया।”
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#WATCH Andhra Pradesh: During the protest by farmers supporting YSRCP today, a slipper was hurled at the bus carrying former chief minister and TDP chief N Chandrababu Naidu, as it was passing near Venkatapalem, on its way to the site of the construction works in Amaravati. pic.twitter.com/0Wyi3PjQTr
— ANI (@ANI) November 28, 2019
मुआवजा राशि में भेदभाव बरते जाने का आरोप हाल ही में राजधानी को बदले जाने के कदम के खिलाफ किसान अमरावती उच्च न्यायालय चले गए थे। भूमि पूलिंग मॉडल के तहत नायडू के शासनकाल के दौरान 29 गांवों के किसानों ने अपनी भूमि दी थी। उनका आरोप है कि नायडू ने मुआवजे की राशि देने में उनके साथ भेदभाव की थी।
किसानों ने माफी मांगने की मांग की इन 29 गांवों में से एक रायपुडी के दलित किसानों के एक समूह ने बुधवार को मांग की कि अपने शासन में भूमि पूलिंग प्रक्रिया में उनकी भूमि के लिए दिए गए मुआवजे राशि में भेदभाव करने के लिए चंद्रबाबू नायडू पहले माफी मांगे। किसानों के समूह ने काले झंडों के साथ एक रैली की, जिसमें नायडू के दौरे का विरोध किया गया।