– 40 साल के एक व्यक्ति के खातों में 8 लाख रुपये थे और उसने 1 एकड़ जमीन खरीदी। सेल डीड में इस जमीन की कीमत 78.65 लाख रुपये दिखायी गई है।
– 35 साल के एक व्यक्ति के पास 6 लाख रुपये थे और उसने 48.4 लाख रुपये कीमत वाली 1 एकड़ जमीन खरीदी।
– 37 साल के एक व्यक्ति के पास 6.8 लाख रुपये थे और उसने 21.74 लाख रुपये कीमत वाली आधा एकड़ जमीन खरीदी।

ये महज कुछ उदाहरण हैं। आंध्र प्रदेश सीआईडी 5 जून 2014 और 26 दिसंबर 2014 के बीच प्रस्तावित अमरावती राजधानी क्षेत्र में और उसके आसपास भूमि सौदों में कथित तौर पर “बेनामी” संपत्ति खरीद की जांच कर रही है। 797 ‘बेनामी’ लोग सीआईडी की लिस्ट में हैं। जांच के दौरान सीआईडी ने पाया कि सभी ‘बेनामी’ सफेद राशन कार्ड धारक हैं। इसका मतलब है कि वे निम्न आय वर्ग वाले परिवार हैं।

इन लेनदेन का समय जांचकर्ताओं के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि पिछली टीडीपी सरकार ने अक्टूबर 2014 में अमरावती में एक नई राजधानी विकसित करने की घोषणा की थी। यह क्षेत्र गुंटूर और कृष्णा जिले के बीच में है।

सीआईडी ने रजिस्ट्रेशन रिकॉर्ड के सत्यापन के बाद खुलासा किया कि व्यक्तियों ने 4,069.94 एकड़ जमीन किसानों से खरीदे। ये ऐसे लोग थे जिन्हें कथित तौर पर नई संभावित राजधानी के जगह के बारे में जानकारी थी।

मंगलवार को सीआईडी के एक पत्र पर कार्रवाई करते हुए प्रवर्तन निदेशालय के हैदराबाद कार्यालय ने नकद में किए गए अमरावती भूमि सौदों की जांच के लिए धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत मामला दर्ज किया है। सीआईडी के पत्र में कहा गया है, “यह पाया गया कि जिन व्यक्तियों के पास पैन कार्ड नहीं थे और जिन्हें सफेद राशन कार्ड जारी किया गया था, उन्होंने नकद लेनदेन में बड़ी राशि खर्च की थी। उन्होंने अपनी आय की घोषणा नहीं की थी और आयकर के भुगतान से बच रहे थे।”

जांच में पाया गया कि सौदे के समय ज्यादातर खरीददार ड्राइवर, रसोइया, घरेलू कामगार, प्राइवेट सिक्योरिटी गार्ड इत्यादि के रुप में काम कर रहे थे। जांचकर्ताओं ने संदेह जताया है कि वास्तव में जिन्होंने लाभ प्राप्त किया, वे नेता, व्यवसायी और रियल इस्टेट का कारोबार करने वाले थे।

सीआईडी की जांच में पता चला है कि 797 व्यक्तियों में से 594 ने 5 लाख रुपये से लेकर 60 लाख रुपये तक की कीमत की जमीन खरीदी। एक अधिकारी ने बताया, “खरीदी गई जमीन का सेल डीड वैल्यू खरीदारों की आजीवन बचत से कहीं अधिक है। उन्होंने दूसरों के लिए यह काम किया। खरीदी गई जमीन का वास्तविक मूल्य सेल डीड में दिखाए गए कीमत से कई ज्यादा है।”

सीआईडी के निष्कर्ष “इनसाइडर” डील की ओर इशारा करते हैं। सीआईडी ने यह निष्कर्ष जमीन खरीदे लोगों के राशन कार्ड, आधार डिटेल, आय के स्रोत और संपत्ति या नकदी के मूल्य के सत्यापन के आधार पर निकाला है।