आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले में सेषचलम पर्वतीय शृंखला में आज सुबह पुलिस के साथ मुठभेड़ में लाल चंदन के 20 कथित तस्कर मारे गए। हालांकि पड़ोसी राज्य तमिलनाडु में राजनीतिक दलों ने पुलिस कार्रवाई को बर्बर बताते हुए इसकी निंदा की और दावा किया कि मारे गए लोगों में से 12 व्यक्ति उनके राज्य के श्रमिक थे।

इस मुठभेड़ में छह पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं। पुलिस ने दावा किया कि यह मुठभेड़ तब हुई जब तस्करों ने कथित तौर पर हंसियों, कुल्हाड़ियों और देसी हथियारों से उन पर हमला किया।

कार्यबल और वनकर्मियों ने संयुक्त तलाशी अभियान के दौरान तकरीबन 200 लकड़हारों को देखा जो लाल चंदन के पेड़ काटने में जुटे थे। इन लकड़हारों को आत्मसमर्पण करने को कहा गया। पुलिस उप महानिरीक्षक (विशेष कार्यबल) एम कांत राव ने कहा, ‘हंसियों, कुल्हाड़ियों, तलवारों, देसी हथियारों और पत्थरों से लैस तस्करों ने पुलिस और वनकर्मियों पर हमला बोल दिया।’

उन्होंने बताया कि तब पुलिस ने आत्मरक्षा में जवाबी कार्रवाई करते हुए गोलीबारी की तो 20 तस्कर मारे गए, जबकि कई अन्य मौके से फरार हो गए। हालांकि इस दौरान छह पुलिसकर्मी भी जख्मी हुए हैं। राव के मुताबिक, लाल चंदन तस्करों का वनकर्मियों और पुलिसकर्मियों पर हमले का इतिहास रहा है। दिसंबर 2013 में सेषचलम वन में लाल चंदन लकड़हारों ने दो वन अधिकारियों की हत्या पत्थर मारकर कर दी थी।

दूसरी तरफ, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ओ पन्नीरसेल्वम ने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू को मंगलवार को पत्र लिखा और पूछा कि क्या आंध्र प्रदेश कार्यबल के कर्मियों ने लाल चंदन तस्करों के खिलाफ पर्याप्त संयम से कार्रवाई की, जिसमें 20 लोग मारे गए। उन्होंने इसके साथ ही इस मामले की विश्वसनीय और त्वरित जांच का भी अनुरोध किया।

उन्होंने कहा, ‘मुझे यह जानकार बहुत दुख हुआ है कि मंगलवार सुबह सेषचलम वन क्षेत्र के श्रीवरिमेट्टू और एसागुंडा क्षेत्रों में आंध्र प्रदेश के लाल चंदन तस्कर विरोधी कार्यबल कर्मियों द्वारा चलाए गए अभियान में 20 व्यक्तियों को गोलियां लगीं और मौके पर ही उनकी मौत हो गई। इनमें से कई कथित तौर पर तमिलनाडु के तिरूवन्नमलाई व वेल्लोर के रहने वाले हैं।’

उन्होंने कहा, ‘हालांकि यह संभव है कि ये लोग अवैध गतिविधियों में लिप्त हों लेकिन अभियान में इतने लोगों का मारा जाना इसको लेकर सवाल उठाता है कि क्या कार्यबल कर्मियों ने पर्याप्त संयम से काम लिया।’

इस बीच तमिलनाडु में राजनीतिक दलों ने इस घटना पर कड़ी प्रतिक्रिया जताई। द्रमुक, भाजपा, पीएमके और भाकपा ने दावा किया कि मारे गए लोगों में राज्य के गरीब श्रमिक शामिल हैं। इन राजनीतिक दलों ने आंध्र प्रदेश सरकार से कहा कि वह लाल चंदन की तस्करी रोकने के लिए कानूनी तरीके का इस्तेमाल करे।

राजग के सहयोगी पीएमके प्रमुख रामदास ने दावा किया कि वे तमिलनाडु के बेगुनाह श्रमिक थे, जिन्हें अधिक मजदूरी का लालच देकर पड़ोसी जिले चित्तूर के जंगल में ले जाया गया था। किसी जांच के बिना उन्हें गोली मारना अस्वीकार है।
उन्होंने आंध्र प्रदेश पुलिस के इन दावों को खारिज कर दिया कि उन्होंने आत्मरक्षा में गोलीबारी की। रामदास ने कहा कि यह सफेद झूठ है और मांग की कि इस मामले की उच्चतम न्यायालय के वर्त्तमान न्यायाधीश से जांच और मारे गए लोगों को राहत के साथ ही पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई हो।

द्रमुक प्रमुख करूणानिधि ने अपने बयान में कहा कि दोनों राज्यों की सरकारों को गोलीबारी में मारे गए श्रमिकों के लिए राहत की घोषणा करनी चाहिए।

तमिलनाडु के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा, ‘हम आंध्र प्रदेश पुलिस से संपर्क में हैं। हम इस बात की पुष्टि कर रहे हैं क्या मारे गए व्यक्तियों में 12 तिरूवन्नमलाई और वेल्लोर जिलों के श्रमिक थे।’

लाल चंदन के पेड़ खतरे में हैं जिसकी लकड़ी की चीन, जापान में काफी मांग है। यह पेड़ विशेष तौर पर कडप्पा, चित्तूर और कुरनूल और नेल्लोर जिले के एक हिस्से में फैले सेषचलम पर्वतीय क्षेत्र के जंगलों में उगता है। पुलिस ने बताया कि फरार तस्करों को पकड़ने के लिए विभिन्न जांच चौकियों पर बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान जारी है। इसके साथ ही वन क्षेत्र में हवाई सर्वेक्षण भी किया जा रहा है।

अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून एवं व्यवस्था) आरपी ठाकुर ने कहा, ‘दो स्थानों पर लाल चंदन के कुल 20 तस्कर मारे गए हैं। उनकी हमारे कार्य बल के जवानों के साथ मुठभेड़ हुई। तस्कर लाल चंदन की लकड़ियां लेकर ले जा रहे थे। उन्होंने हंसियों और आग्नेयास्त्रों से हमला किया। उन्होंने जवानों पर पथराव भी किया।’

उन्होंने कहा कि पुलिसकर्मियों ने अपने ऊपर हमला होने पर जवाबी कार्रवाई की। ठाकुर ने कहा, ‘पुलिस ने जब उन्हें चुनौती दी, तो उन्होंने सुरक्षाबलों पर हावी होने का प्रयास किया और लकड़ियां लेकर भागने की कोशिश की। इस प्रक्रिया में उन्होंने पुलिसकर्मियों पर हमला किया।’

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का राज्य सरकार को नोटिस
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने इस मामले में अपने एक सदस्य की ओर से भेजे गए अवलोकन पर राज्य सरकार के मुख्य सचिव और डीजीपी को नोटिस जारी किया। आयोग के सदस्य न्यायमूर्ति डी मुरुगेसन ने टिप्पणी भेजी कि इस घटना में मानवाधिकार का गंभीर उल्लंघन हुआ है। आयोग की ओर से न्यायमूर्ति मुरुगेसन के हवाले से जारी विज्ञप्ति में कहा गया है, ‘आत्मरक्षा के आधार पर गोलीबारी करने को उचित नहीं ठहराया जा सकता क्योंकि इससे 20 व्यक्तियों की जान गई है।’ आयोग ने पुलिस और वन अधिकारियों के कृत्य को समझाते हुए दो महीने में रिपोर्ट मांगी।
तमिलनाडु ने भी जताई आपत्ति
तमिलनाडु में राजनीतिक दलों ने पुलिस कार्रवाई को बर्बर बताते हुए इसकी निंदा की और दावा किया कि मारे गए लोगों में से 12 व्यक्ति उनके राज्य के श्रमिक थे।

पन्नीरसेल्वम ने त्वरित जांच की मांग की
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ओ पन्नीरसेल्वम ने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू को मंगलवार को पत्र लिखा और पूछा कि क्या आंध्र प्रदेश कार्यबल के कर्मियों ने लाल चंदन तस्करों के खिलाफ पर्याप्त संयम से कार्रवाई की, जिसमें 20 लोग मारे गए। उन्होंने इसके साथ ही इस मामले की विश्वसनीय और त्वरित जांच का भी अनुरोध किया।

घटना सुबह 5 से 6 के बीच

* चित्तूर के चंद्रगिरि मंडल स्थित सेषचलम वन क्षेत्र में सुबह पांच से छह बजे के बीच दो स्थानों पर हुई।
* आंध्र प्रदेश सरकार ने जून 2013 में लाल चंदन की तस्करी पर रोक लगाने के लिए एक विशेष कार्यबल का गठन किया था।
* एसटीएफ ने आंध्र प्रदेश के कडप्पा, चित्तूर, नेल्लोर और कुरनूल जिलों में लाल चंदन के पेड़ काटने पर रोक लगाने के लिए छापेमारी अभियान चलाया है।
* फरार तस्करों को पकड़ने के लिए विभिन्न जांच चौकियों पर बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान जारी है। इसके साथ ही वन क्षेत्र में हवाई सर्वेक्षण भी किया जा रहा है।
खास है लाल चंदन
* चीन, जापान में लाल चंदन की काफी मांग है। यह पेड़ कडप्पा, चित्तूर और कुरनूल और नेल्लोर जिले में फैले सेषचलम पर्वतीय क्षेत्र के जंगलों में उगता है।