पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव को अब कुछ ही महीने का समय रह गया है। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि इस बार बंगाल में भाजपा मजबूती से तृणमूल कांग्रेस को टक्कर देगी। भाजपा की इस मजबूती के पीछे पार्टी के बंगाल प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय और प्रदेशाध्यक्ष दिलीप घोष का बड़ा हाथ माना जा रहा है। हालांकि, गवर्नर जगदीप धनखड़ भी तृणमूल कांग्रेस के लिए परेशानी खड़ी करने वाले राज्यपाल के रूप में जाने जाते हैं। हाल ही में जब एक टीवी शो पर उनसे केंद्र के इशारे पर काम करने के बारे में सवाल पूछा गया, तो उन्होंने इस सवाल पर न, न कर बचान करने की कोशिश की।

क्या था जगदीप धनखड़ से सवाल?: आजतक के शो सीधी बात में एंकर प्रभु चावला ने बंगाल के गवर्नर से पूछा- “राज्यपाल जो है, वो केंद्र की आंखें और कान है। वह केंद्र के प्रवक्ता नहीं हैं। लेकिन प्रभाव ऐसा जाता है कि केंद्र की बात ज्यादा करते हैं आप और राज्य की बात कम करते हैं।”

इस पर धनखड़ ने पहले तो न, न कहते हुए बचाव की कोशिश की। फिर उन्होंने कहा, “प्रभु जी मेरा दिल पसीजता है बंगाल की जनता के लिए। मैं सेवा में लगा हूं बंगाल की जनता के लिए। मैंने शपथ लेने के बाद लगातार कोई कोताही नहीं बरती है। वहां डर का वातावरण इतना भयानक है। बीमारी कितनी पुरानी हो, इलाज नहीं करेंगे क्या। हमारी प्रजातंत्रिक व्यवस्था अगर डर से प्रभावित होती है, तो बताइए स्वतंत्रता और लोकतंत्र का क्या अर्थ है?”

‘राज्यपाल बोले- संविधान की रक्षा करना मेरा दायित्व’: एंकर प्रभु चावला ने जब पूछा कि आपने अब तक मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को कितनी चिट्ठियां लिख ली होंगी, क्योंकि आपके ट्वीट हमने काफी देखे हैं? तो राज्यपाल बोले- मैं ट्वीट करने से पहले मुख्यमंत्री जी को चिट्ठी लिखता हूं। संविधान का अनुच्छेद 159 कहता है कि मैं राज्यपाल संविधान की रक्षा करुंगा, तो यह मेरा दायित्व है। अगर मैं यह नहीं करुंगा तो कौन करेगा।