हरिद्वार में विवादास्पद धर्म संसद में शामिल हुए एक धार्मिक नेता ने शनिवार को कहा कि वह अपने बयान पर कायम हैं और भारत को ‘हिंदू राष्ट्र’ बनने से कोई नहीं रोक सकता है। मीडिया से बात करते हुए, स्वामी आनंद स्वरूप ने कहा कि हम अपने उन बयानों पर कायम हैं, अगर कोई शख्स हमारी बहन का बलात्कार करेगा, तो क्या हम चुप रहेंगे, उसे मार नहीं देंगे? उन्होंने कहा कि धर्म संसद के दौरान वक्ताओं ने ऐसे लोगों को मारने की बात की, न कि आम मुसलमानों की, जोकि हमारे दोस्त हैं। उन्होंने दोहराया, “भारत को हिंदू राष्ट्र बनने से कोई नहीं रोक सकता है”।
आनंद स्वरूप की यह टिप्पणी उस दिन आई है जब हरिद्वार पुलिस ने धर्म संसद अभद्र भाषा मामले में दो और लोगों को नामजद किया है। दोनों की पहचान धर्म दास और अन्नपूर्णा के रूप में हुई है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि पुलिस ने 23 दिसंबर को बताया था कि इस कार्यक्रम को लेकर वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र त्यागी और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। हालांकि अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।
वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने धर्मांतरण को सही ठहराते हुए कहा कि लोग तलवार के डर से नहीं बल्कि प्रभावित होकर धर्म बदलते हैं। उन्होंने कहा कि लोग अपनी इच्छा से धर्मांतरित हो रहे हैं, न कि तलवारों के दम पर। बाद में, पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि वह ईसाई समुदाय को बधाई देने और शांति, भाईचारे के लिए तथा कोविड-19 महामारी के खात्मे के लिए प्रार्थना करने के वास्ते क्रिसमस समारोह में शामिल हुए।
इस बीच, भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधायक देवेंद्र सिंह राणा भी यहां एक गिरजाघर में क्रिसमस समारोह में शामिल हुए और समुदाय को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने भी इस अवसर पर शांति और समृद्धि के लिए प्रार्थना की।