Amritsar Train Accident: अमृतसर पूर्व सीट से विधायक और पंजाब सरकार में मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी पूर्व स्वास्थ्य मंत्री नवजोत कौर सिद्धू ने अमृतसर के अस्पताल में मीडिया से बात की। इसी अस्पताल में अमृतसर रेल हादसे में घायल हुए लोगों का इलाज चल रहा है। सिद्धू उस दशहरा कार्यक्रम की मुख्य अतिथि थीं, जहां पर हादसा हुआ।
नवजोत कौर सिद्धू ने कहा,”हम यहां पर घायलों के साथ पूरी रात रहे हैं, जब तक हमने हर शख्स की शिनाख्त नहीं कर ली। ये बेहद चौंकाने वाला है, पुलिस और संगठनों की मौजूदगी के बावजूद भी ऐसा हादसा हो गया। अब हम कुछ नहीं जानते।” बता दें कि जिस वक्त तेज रफ्तार ट्रेन ने लोगों को कुचला था, उस वक्त नवजोत कौर सिद्धू मंच पर थीं और भाषण दे रही थीं। जबकि उसी दौरान रावण का पुतला भी फूंका गया था, लोग उसे देख रहे थे।
सिद्धू ने कहा,”अब वे हमें सूचना दे रहे हैं कि रेलवे ट्रेन की गति कम नहीं करता है। लोग रेलवे ट्रैक पर आराम से सेल्फी ले रहे थे। मुझे समझ ही नहीं आया कि क्या हुआ है? जलसा शांतिपूर्ण ढंग से निपट गया और मैं अपनी कार में बैठकर चली गई। मुझे 15 मिनट के बाद फोन पर घटना के बारे में जानकारी मिली।”
We will do everything possible to assist the injured. Have directed the district administration to leave no stone unturned to ensure the best possible treatment for them. pic.twitter.com/90ddA1XeZQ
— Capt.Amarinder Singh (@capt_amarinder) October 19, 2018
रिपब्लिक न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, कई प्रत्यक्षदर्शी इस कार्यक्रम के आयोजन में नवजोत कौर की भूमिका पर सवाल उठा रहे हैं। कार्यक्रम के लिए कथित तौर पर इजाजत नहीं ली गई थी। सिद्धू ने कहा,” हर साल उसी जगह पर कार्यक्रम का आयोजन होता है। क्या हमने किसी को रेल ट्रैक पर बैठने के लिए कहा था? या हमने लोगों के ऊपर रेल चढ़ा दी। वे हमारे इलाके के लोग थे। हम हर शख्स की शिनाख्त के लिए कोशिश कर रहे हैं। जो लोग इस मुद्दे पर राजनीति कर रहे हैं, उन्हें खुद पर शर्म आनी चाहिए। मुझे लगता है कि कैप्टन (अमरिंदर सिंह) ने हर मृतक के परिवार को 5 लाख रुपये मुआवजा देने का ऐलान किया है।
वहीं हर साल होने वाले दशहरा कार्यक्रम के बारे में नवजोत कौर सिद्धू ने कहा,” जब हमने रेलवे को फोन किया तो उन्होंने कहा कि फाटक खुला था और हर साल चेतावनी दी जाती है। रावण का पुतला छह जगहों पर जलाया जाता है और सभी रेलवे के करीब हैं। जहां, कार्यक्रम हो रहा हो, उन्हें ट्रेन की गति कम करनी चाहिए थी। न कि ट्रेन फुल स्पीड में दौड़ानी चाहिए।”