Amritsar Train Accident: अमृतसर में शुक्रवार (19 अक्टूबर) को हुए भयानक रेल हादसे के बाद पीड़ित परिवारों का दर्द कलेजा भेदने वाला है। अब मीडिया में एक वीडियो आया है, जिसमें एक शख्स जौड़ा फाटक इलाके के रावण दहन कार्यक्रम में मुख्य अतिथि और विधायक नवजोत कौर सिद्धू की तारीफ में ढींग मारते हुए देखा जा रहा है। वीडियो में स्टेज पर हार पहने हुए नवजोत कौर सिद्धू दिखती हैं और उनके बगल में खड़ा एक शख्स माइक पर पंजाबी में बोलते हुए देखा जा रहा है, ”मैडम यहां देखिए, ये लोग पटरियों पर खड़े होने की परवाह नहीं करते है। आपके लिए 5000 हजार लोग रेलवे ट्रैक पर खड़े हैं, भले ही 500 ट्रेनें गुजर जाएं, वे नहीं हिलेंगे।” यह शख्स आयोजकों में से एक बताया जा रहा है। समाचार चैनल एनडीटीवी ने इस वीडियो को अपनी वेबसाइट पर खबर के साथ अपलोड किया है। वीडियो से पता चलता है कि लापरवाही की वजह से यह हादसा हुआ। आयोजकों को खतरे का अंदाजा था लेकिन कोई सावधानी नहीं बरती गई।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आयोजकों ने नगर निगम, प्रदूषण विभाग और रेलवे से इस कार्यक्रम के लिए अनुमति नहीं ली थी। हालांकि, आयोजकों ने अमृसर पुलिस से इस बारे में अनापत्ति प्रमाण पत्र लिया था कि वे पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के निर्देशों का पालन करते हुए लाउड स्पीकर का इस्तेमाल करेंगे, यातायात को बाधित नहीं किया जाएगा और मौके पर किसी को भी हथियार ले जाने की इजाजत नहीं दी जाएगी।
स्थानीय मीडिया ने वीडियो में डींग मारने वाले आयोजक की पहचान स्थानीय कांग्रेस पार्षद मिठू मदन के तौर पर की है। नवजोत कौर सिद्धू से जब मीडिया ने पूछा कि क्या उन्हें इस बात की जानकारी थी कि आयोजकों ने कार्यक्रम के लिए इजाजत नहीं ली थी? इस पर नवजोत कौर सिद्धू ने कहा कि उनके लिए यह जांचना संभव नहीं था। उन्होंने मीडिया को बताया कि हादसे से पहले ही वह दशहरा कार्यक्रम से चली गई थी। उन्होंने यह भी बताया कि लोगों को रेलवे ट्रैक से हटाने के लिए चार-पांच बार घोषणाएं की गई थीं। उन्होंने कहा कि लोगों से कहा गया था कि धोवी घाट में उनके बैठने के लिए काफी जगह है, वे वहां आकर बैठें लेकिन लोगों ने इसे नजरअंदाज कर दिया।
बता दें कि इस हादसे को लेकर कांग्रेस और नवजोत कौर सिद्धू की आलोचना हो रही है। उन पर आरोप लग रहे हैं कि हादसा देखते ही वह मौके से चली गई थीं। नवजोत कौर ने मीडिया से कहा कि दशहरे का कार्यक्रम हर वर्ष इसी जगह किया जाता है। अकाली दल की सरकार में भी यहां कार्यक्रम हुआ। जो लोग इस पर राजनीति कर रहे हैं उन्हें शर्म आनी चाहिए। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक हादसे में 60 लोगों की मौत हो गई, जबकि 51 लोग घायल हुए हैं।