असम की डिब्रूगढ़ जेल में खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल सिंह बंद है। अमृतपाल सिंह के सहयोगी भी एनएसए के तहत बंद हैं। इसको लेकर पुलिस अधीक्षक ने कहा है कि बंदियों को उनके अनुरोध पर स्मार्ट टीवी और एलसीडी प्रदान किए गए थे और जेल रिकॉर्ड में पेन ड्राइव के बारे में कोई निर्देश नहीं मिला है।

अमृतसर एसपीपी को 10 फरवरी को एक पत्र के माध्यम से जानकारी दी गई है ताकि पुलिस पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के सामने बंदियों द्वारा दायर याचिकाओं पर अपना जवाब दाखिल कर सके। सरबजीत सिंह कलसी, पप्पलप्रीत सिंह और अन्य सहित बंदियों ने कई आधारों पर एनएसए के तहत अपनी नजरबंदी को चुनौती देते हुए अदालत का दरवाजा खटखटाया है। उनमें से एक सुविधा का आभाव भी शामिल है जिसमें वे PEN ड्राइव का इस्तेमाल कर सके।

8 फरवरी को पंजाब सरकार ने पेन ड्राइव चलाने के लिए अन्य सामान की आपूर्ति न करने के आरोपों के संबंध में जवाब दाखिल करने के लिए अदालत से समय मांगा था। एनएसए के तहत हिरासत में लिए गए पप्पलप्रीत, सरबजीत सिंह कलसी, बसंत सिंह, कुलवंत सिंह धालीवाल उर्फ ​​राउके, गुरुमीत सिंह गिल उर्फ ​​गुरुमीत भुक्कनवाला, गुरिंदर पाल सिंह औजला और भगवंत सिंह से संबंधित जानकारी दी गई है।

जेल अधीक्षक ने बताया, “हिरासत के समय इन बंदियों को पेन ड्राइव चलाने के लिए कोई इलेक्ट्रॉनिक उपकरण नहीं दिया गया, लेकिन 15 मई 2023 के बाद बंदियों ने जेल प्राधिकरण के माध्यम से दो एलसीडी टीवी खरीदे थे। इसी तरह जेल प्राधिकरण द्वारा कोई स्मार्ट टीवी भी उपलब्ध नहीं कराया गया था। हालांकि इन बंदियों द्वारा 13 अक्टूबर, 2023 को जेल प्राधिकरण की मदद से एक स्मार्ट टीवी खरीदा गया था, जो उन्हें प्रदान किया गया था।”

यह भी कहा गया है कि हिरासत में लिए गए अमृतपाल सिंह, भगवान सिंह, बसंत सिंह और गुरुमीत सिंह गिल उर्फ ​​​​गुरमीत सिंह बुक्कनवाला को अलग-अलग पेन ड्राइव प्राप्त हुई थी। रिपोर्ट में कहा गया है, “जेल रिकॉर्ड में बंदियों के सामने पेन ड्राइव चलाने के संबंध में कोई निर्देश नहीं मिला है।” जेल अधीक्षक के अनुसार बंदियों को अंग्रेजी और पंजाबी में हिरासत का आधार, 158 पन्नों का Annexures के साथ वीडियो क्लिप वाली एक पेन ड्राइव प्रदान की गई है।”