केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह पार्टी संगठन पर अपनी पकड़ और अपनी रणनीतिक क्षमता के लिए पहचाने जाते हैं। अमित शाह के नेतृत्व में देश के बड़े भूभाग पर भाजपा सत्ता पर काबिज हुई है। इतना ही नहीं जिन राज्यों में भाजपा का खाता भी नहीं खुलता था, वहां आज भाजपा सत्ता का सुख ले रही है। अमित शाह को कुछ लोग भारतीय राजनीति का चाणक्य भी कहते हैं। हाल ही में अमित शाह के जीवन पर एक किताब ‘Amit Shah and March of the BJP’ बाजार में आयी है। इस किताब के लेखक अनिर्बान गांगुली और शिवानंद द्विवेदी हैं। किताब के अनुसार, अमित शाह के राजनैतिक जीवन पर लालकृष्ण आडवाणी के नेतृत्व में 1990 में निकाली गई रथ यात्रा और साल 1991 में तत्कालीन भाजपा अध्यक्ष मुरली मनोहर जोशी के नेतृत्व में निकाली गई एकता यात्रा का गहरा प्रभाव पड़ा था।
किताब में बताया गया है कि शाह ने 1979 के आम चुनावों में सरदार पटेल की बेटी मनीबेन पटेल के लिए चुनाव प्रचार किया था। यहीं से अमित शाह के राजनैतिक करियर की शुरुआत हुई। बाद में बूथ लेवल पर किए गए काम के चलते ही उन्हें साल 1989 में अहमदाबाद शहर का सचिव चुना गया था। जहां से अमित शाह अपनी संगठनात्मक समझ के चलते आगे ही बढ़ते गए। किताब के अनुसार, भाजपा को मजबूती देने के लिए अमित शाह ने अगस्त 2014 से सितंबर, 2018 के बीच करीब 7,90,000 किलोमीटर की यात्रा तय की। इस तरह देखें तो अमित शाह ने एक दिन में औसतन 519 किलोमीटर की दूरी तय की। अमित शाह की इस मेहनत का फल भी मिला है और भाजपा ने एक बार फिर बड़े बहुमत से सत्ता में वापसी की है।
अमित शाह अपने कड़े फैसलों और सख्त स्वभाव के लिए जाने जाते हैं, लेकिन निजी जीवन में वह इसके ठीक विपरीत हैं। किताब में दावा किया गया है कि अमित शाह हर दिन शाम के समय अपनी पोती रुद्री से फोन पर बात करना और उसकी हंसी सुनना नहीं भूलते। अमित शाह क्रिकेट और शतरंज का खेल पसंद करते हैं। साल 2010 से 2012 का समय अमित शाह के लिए काफी चुनौतीपूर्ण रहा था। साल 2010 में अमित शाह सोहराबुद्दीन शेख और उनकी पत्नी के एनकाउंटर मामले में जेल भी गए। बाद में साल 2014 में अमित शाह को सीबीआई ने इस मामले में क्लीन चिट दे दी थी।
साल 2014 के आम चुनावों में अमित शाह को उत्तर प्रदेश का प्रभारी बनाया गया था और उनके नेतृत्व में भाजपा ने देश के सबसे बड़े और राजनैतिक रुप से महत्वपूर्ण राज्य में अभूतपूर्व सफलता हासिल की थी और कुल 73 सीटों पर जीत हासिल की थी। इस जीत ने अमित शाह के नाम का डंका पूरे देश में बजा दिया था। किताब के अनुसार, अमित शाह ने इस परिणाम के लिए जमकर मेहनत की थी और चुनाव प्रचार के लिए राज्य के 52 जिलों का दौरा किया था। इसके लिए अमित शाह ने लगातार 142 दिनों तक यात्राएं की थी। इस दौरान अमित शाह ने 93,000 किलोमीटर की यात्रा की थी।