जून में खालिस्तान टाइगर फोर्स (KTF) के प्रमुख हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर कनाडा और भारत के बीच विवाद छिड़ गया है। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने निज्जर की हत्या में ‘भारत सरकार के एजेंटों’ की संलिप्तता का आरोप लगाया है। ट्रूडो सरकार ने अपने नागरिको को एक ट्रेवल एडवाइजरी जारी कर भारत के जम्मू-कश्मीर राज्य की यात्रा से परहेज करने के लिए कहा है। उस बीच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA ) ने मंगलवार को एक बैठक में कहा कि वह मामले की जांच के लिए निर्धारित कनाडा की यात्रा को स्थगित करने की योजना बना रही है।
इंडियन एक्सप्रेस को मिली जानकारी के मुताबिक, खालिस्तान समर्थक कार्यकर्ताओं द्वारा देश में भारतीय उच्चायोग पर किए गए हमले की जांच के सिलसिले में NIA के अधिकारी अगले महीने कनाडा जाएंगे। इस बारे में एक अधिकारी ने कहा, “वरिष्ठ एनआईए अधिकारियों ने मंगलवार दोपहर को मुद्दों पर चर्चा की और अपनी कनाडा यात्रा स्थगित करने की योजना बना रहे हैं क्योंकि स्थिति उनकी जांच के लिए उपयुक्त नहीं है।”
मार्च 2023 में, खालिस्तान समर्थकों ने कनाडा में भारतीय उच्चायोग के बाहर विरोध प्रदर्शन किया था। उन्होंने खालिस्तान समर्थक नारे लगाए और वहां मौजूद भारतीय मूल के पत्रकारों पर हमला किया था। सूत्रों ने कहा कि कनाडा में हिंसा के अलावा, 19 मार्च को विरोध प्रदर्शन के दौरान लंदन में भारतीय उच्चायोग में हिंसा और 2 जुलाई को सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास पर हमले के संबंध में मामले एनआईए के पास दर्ज हैं।
एनआईए की दो टीमें अपनी जांच के तहत पहले ही लंदन और सैन फ्रांसिस्को का दौरा कर चुकी हैं और तीसरी टीम कनाडा की अपनी यात्रा की मंजूरी के लिए विदेश मंत्रालय और गृह मंत्रालय के पास पहले ही एक फाइल भेज चुकी है।
अर्शदीप सिंह गिल के प्रत्यर्पण पर चर्चा
बैठक में एनआईए अधिकारियों ने केटीएफ के कनाडा स्थित नामित आतंकवादी अर्शदीप सिंह गिल को प्रत्यर्पित कराने की प्रक्रिया पर भी चर्चा की। 9 जनवरी को, गृह मंत्रालय ने आतंकी गतिविधियों के अलावा हत्या, जबरन वसूली और लक्षित हत्याओं जैसे जघन्य अपराधों में उसकी संलिप्तता पाए जाने के बाद अर्शदीप को एक नामित आतंकवादी घोषित किया था। खुफिया एजेंसियों के एक सूत्र ने कहा कि कुछ महीने पहले, रॉ ने कनाडा में अर्शदीप की लोकेशन ट्रैक की थी और इसे संबंधित खुफिया एजेंसियों के साथ साझा किया था।