घाटी में जारी हिंसा के बीच जम्मू-कश्मीर के दौरे पर गया सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल बुधवार को दिल्ली लौट आया। प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह का कहना है कि जम्मू-कश्मीर से लौटे प्रतिनिधिमंडल ने सर्वसम्मति से एक बयान तैयार किया है। उन्होंने कहा, ”प्रतिनिधिमंडल को लगता है कि एक सभ्य समाज में हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है, राष्ट्र की संप्रभुता के मुद्दे पर कोई समझौता नहीं किया जा सकता। प्रतिनिधिमंडल के सदस्य राज्य के लोगों से हिंसा का रास्ता छोड़ने की अपील करते हैं, हम बातचीत और चर्चा के जरिए सभी मुद्दों को सुलझाने की अपील करते हैं।” सिंह ने कहा, ”शैक्षिक संस्थाओं, सरकारी कार्यालयों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों के सामान्य रूप से चलने के लिए हमने केन्द्र और राज्य सरकारों से कदम उठाने को कहा है।” सिंह का कहना है कि प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने सरकार से विरोध प्रदर्शनों में घायल हुए नागरिकों और सुरक्षा बलों को मेडिकल सहायता मुहैया कराने के लिए प्रभावी कदम उठाने को कहा है।
सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के वरिष्ठ सदस्य और कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सवादी) के नेता सीताराम येचुरी ने कहा कि ”अगर प्रधानमंत्री SAARC के लिए जा रहे हैं, जो भारत-पाकिस्तान के बीच बातचीत फिर से शुरू होनी चाहिए, इससे लंबे समय तक चलने वाले हल मिलते हैं।” उन्होंने कहा, ”हम हुर्रियत से मिलने गए थे क्योंकि हम कश्मीर के लोगों को बताना चाहते हैं कि हम उनतक पहुंच रहे हैं।” सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल में 20 दलों के 30 नेता शामिल हैं। सीताराम येचुरी ने कहा कि सर्वदलीय शिष्टमंडल को दो महीने पहले ही यह दौरा करना चाहिए था लेकिन ‘हमें उम्मीद करनी चाहिए कि अब भी कोई परिवर्तन लाना संभव हो सकेगा।’

