हाल ही पांच राज्यों के चुनावी नतीजे सामने आए, जिसमें कांग्रेस का बुरा प्रदर्शन देखने को मिला है। उत्तराखंड, गोवा, पंजाब, मणिपुर और यूपी के परिणामों में कांग्रेस सत्ता से काफी दूर नजर आई है। एक टीवी डिबेट में इससे जुड़े सवाल पर अपना बचाव करते हुए कांग्रेस प्रवक्ता अलका लांबा ने तंज कसते हुए कहा कि पीएम मोदी तो खुद के सीएम और उप मुख्यमंत्री तक नहीं जितवा सके।

न्यूज 18 टीवी चैनल के एक डिबेट में एंकर ने अलका लांबा से कांग्रेस की स्थिति पर सवाल किया कि बीजेपी के पास मोदी फैक्टर है तो कांग्रेस के पास राहुल गांधी या गांधी फैक्टर है। लेकिन लग रहा है कांग्रेस का गांधी फैक्टर पुराना हो चुका है और चुनाव में चल नहीं पा रहा है?

इसपर अलका लांबा ने कहा कि चुनाव नतीजों को हम सिर माथे पर लेते हैं, स्वीकार करते हैं। लेकिन पंजाब में आप को बहुमत मिला और भाजपा को बाकी के राज्यों में बहुमत मिला है, वो काम करें, घमंड ना करें। उन्होंने कहा कि भाजपा प्रवक्ता पीएम का फुलफॉर्म का बता रहे हैं कि पी से पसीना और एम से मेहनत।

अलका लांबा ने कहा कि मेहनत और पसीने के आगे देश के लिए खून और अपना बलिदान इंदिरा गांधी और राजीव गांधी जी ने दिया है। वहीं यूपी में कांग्रेस के बुरे प्रदर्शन पर बचाव करते हुए अलका लांबा ने कहा कि यूपी में पीएम मोदी तो अपने खुद के उप मुख्यमंत्री(पुष्कर सिंह धामी) को हारने से नहीं बचा पाए। वहीं उत्तराखंड में वो सीएम(पुष्कर सिंह धामी) को जितवा नहीं पाए।

अलका लांबा ने कहा कि गोवा में भी मुख्यमंत्री 600 वोटों से जीते हैं, इसपर विवाद है। उन्होंने कहा कि लोगों के सिर पर मंहगाई का भार बढ़ने वाला है, उसपर ध्यान दें। उन्होंने कहा कि आप कांग्रेस की चिंता छोड़ दीजिए। कांग्रेस 134 सालों में खत्म नहीं हुई, अब क्या खत्म होगी। अलका की बात पर एंकर ने कहा कि आंकड़ों को देखें तो 2014 में 9 राज्यों में कांग्रेस का शासन था लेकिन आज सिर्फ 2 राज्यों में कांग्रेस की सरकार हैं।

एंकर ने अलका लांबा से पूछा कि यूपी में आपके 97 फीसदी प्रत्याशियों की जमानत जब्त हुई है। इसे बेहतर प्रदर्शन मान रही हैं आप? आपकी पूरी की पूरी पार्टी हार गई है, और आप भाजपा के मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री हार देख रही हैं?

गौरतलब है कि नतीजों पर गौर करें तो यूपी में कांग्रेस महज दो सीटें पर सिमट गई है। वहीं अन्य राज्यों की बात करें तो पंजाब में 18, गोवा में 11, मणिपुर में 5, उत्तराखंड में 19 सीटें ही जीत सकी है।