जिले के मेघनगर में समाचार चैनल ‘आज तक’ के पत्रकार की शनिवार को उस समय रहस्यमय तरीके से मौत हो गई, जब वे व्यापमं घोटाले की रिपोर्टिंग में जुटे थे। घोटाले में एक छात्रा नम्रता डामोर का नाम आने के बाद उसका शव रहस्यमय हालत में उज्जैन में रेलवे पटरियों के पास मिला था। अक्षय नम्रता के माता-पिता का साक्षात्कार रिकार्ड कर रहे थे। यह घटना झाबुआ के पास मेघनगर में हुई है। अक्षय इस मामले की रिपोर्टिंग के लिए दिल्ली से मेघनगर गए थे।

नम्रता के पिता मेहताब सिंह डामोर ने कहा, ‘शनिवार दोपहर उनके निवास पर एक रिपोर्टर सहित चैनल के तीन लोग आए थे और बातचीत होने के बाद संबंधित कागजात की फोटोकॉपी कराने उनका एक परिचित बाजार गया’। उन्होंने कहा, ‘रिपोर्टर सहित चैनल के लोग जब उनके घर के बाहर फोटोकॉपी का इंतजार कर रहे थे, तभी अक्षय के मुंह से अचानक झाग निकलने लगा और उन्हें तत्काल सिविल अस्पताल ले जाया गया, जहां से उन्हें एक निजी अस्पताल में भेज दिया गया’।

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हालांकि उस निजी अस्पताल से अक्षय को मध्य प्रदेश की सीमा से लगे गुजरात के दाहोद भी ले जाया गया, जहां अस्पताल के चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। उधर, झाबुआ के पुलिस अधीक्षक आबिद खान ने अक्षय सिंह की मेघनगर में मृत्यु होने की पुष्टि की है।

अस्पताल में अक्षय के साथ मौजूद चैनल के एक कर्मचारी ने बताया कि साक्षात्कार रिकार्ड करने के बाद अक्षय ने बेचैनी की शिकायत की। उनके साथ वहां आए चैनल के इंदौर स्थित संवाददाता और कैमरामेन उन्हें लेकर तत्काल मेघनगर के सिविल अस्पताल पहुंचे। अक्षय को मध्यप्रदेश की सीमा से लगे गुजरात के दाहोद भी ले जाया गया, जहां अस्पताल के चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

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टीवी पत्रकार की मौत पर मध्य प्रदेश के गृह मंत्री बाबूलाल गौर ने झाबुआ में कहा कि शव का पोस्टमार्टम होने और उसकी रिपोर्ट मिलने के बाद सरकार मामले की आगे जांच करेगी। गौर ने शनिवार को पत्रकारों के पूछने पर कहा, ‘पहले पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने दीजिए। उसके बाद हम मामले की आगे की जांच तय करेंगे’। वे जिले के आधिकारिक दौरे पर यहां आए हुए थे। उनसे ‘आज तक’ के पत्रकार की मौत पर सवाल पूछे गए थे। घोटाले के बड़ी संख्या में आरोपियों की हुई मौत को लेकर पूछने पर प्रदेश के गृह मंत्री ने कहा कि मामला अदालत में है और जांच चल रही है।

व्यापमं घोटाले के कम से कम 25 आरोपियों-गवाहों की अब तक मौत हो चुकी है। घोटाला एक बड़े प्रवेश और भर्ती रैकेट से जुड़ा है जिसमें अनेक नौकरशाहों और राजनीतिक नेताओं के नाम हैं और विपक्षी कांग्रेस सीबीआइ जांच की मांग कर रही है। कांग्रेस ने पूर्व में व्यापमं मामले में आरोपियों और गवाहों की मौत को लेकर संदेह व्यक्त किया था।