महाराष्ट्र के भ्रष्टाचार निरोधी ब्यूरो (एसीबी) ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता एवं पूर्व उप मुख्यमंत्री अजित पवार को विदर्भ सिंचाई घोटाला मामले में क्लीन चिट दे दी है। एसीबी ने बंबई उच्च न्यायालय की नागपुर पीठ में दायर किए गए अपने हलफनामे में विदर्भ क्षेत्र में सिंचाई परियोजनाओं में कथित अनियमितताओं के मामलों में पवार की संलिप्तता से इनकार किया है। उन्हें क्लीनचिट मिलते ही यूजर्स सोशल मीडिया में मजे लेने लगे।
पवार को क्लीनचिट देते हुए एसीबी ने कहा, ‘वीआईडीसी के चेयरमैन अजित पवार को निष्पादन एजेंसियों के भ्रष्टाचार के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है, क्योंकि उनका कोई कानूनी कर्तव्य नहीं था।’
इसपर यूजर्स ने कहा कि यही तो कॉमन मिनिमम प्रोग्राम है, पहला मिशन हुआ पूरा। एक ने लिखा ‘अजित पवार के दाग अब धुल गए! ये बीजेपी के लिए न उगलते बन रहा है न निगलते।’ एक अन्य यूजर ने लिखा ‘पवार को आज सिंचाई घोटाला से क्लीनचिट मिल गई है। यही है सबका साथ सबका विकास।’
Maharashtra’s anti-corruption bureau (ACB) clears NCP’s Ajit Pawar of allegations in irrigation scam.The affidavit, submitted on 27 Nov at Bombay HC,states ‘Chairman of VIDC (Ajit Pawar) can’t be held responsible for acts of executing agencies,as there’s no legal duty on his part pic.twitter.com/C31dKmyABQ
— ANI (@ANI) December 6, 2019
Ajit Pawar given clean chit in huge irrigation scam. Sabka saath, khud ka vikas. #AjitPawar
— Chirag Adodra (@ChiragAdodra19) December 6, 2019
#AjitPawar के दाग अब धुल गए!
ये BJP के लिए न उगलते बन रहा है न निगलते।
— SHASHANK SINGH (@shankey3007) December 6, 2019
इससे पहले 25 नवंबर को जब महाराष्ट्र में सियासी उठापटक के बीच एसीबी ने सिंचाई घोटाले से जुड़े नौ केस बंद कर दिए थे। एसीबी ने कहा था कि जो नौ केस बंद किए गए हैं, उनका वास्ता अजित पवार से नहीं है।
बता दें शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस की महा विकास आघाडी (एमवीए) सरकार के 28 नवंबर को शपथ ग्रहण से एक दिन पहले 27 नवंबर को हलफनामा पेश किया गया था। अदालत ने इन मामलों में एसीबी को पूर्व जल संसाधन विकास मंत्री पवार की भूमिका पर अपना पक्ष रखने को कहा था।
पवार विदर्भ सिंचाई विकास निगम (वीआईडीसी) के अध्यक्ष पद पर भी सेवाएं दे चुके हैं। वीआईडीसी ने उन सिंचाई परियोजनाओं को मंजूरी दी थी जिनमें अनियमितताएं किए जाने का आरोप लगाया गया है।