पाकिस्तान में भारत के उच्चायुक्त रहे अजय बिसारिया ने एक किताब लिखी है। नाम है-Anger Management: The Troubled Diplomatic Relationships Between India And Pakistan, इस किताब में बिसारिया ने कई खुलासे किए हैं। जैसे कि वह बताते हैं कि पाकिस्तान की जासूसी एजेंसी आईएसआई ने जून 2019 में कश्मीर में हमले को अंजाम देने के लिए अल-कायदा की साजिश के बारे में इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायुक्त के माध्यम से भारत को सूचना दी थी, और यह जानकारी पुख्ता भी थी।
अपनी किताब में बिसारिया का कहना है कि भारतीय उच्चायुक्त को एक माध्यम के रूप में इस्तेमाल किया गया था क्योंकि आईएसआई पुलवामा जैसा हमला फिरसे नहीं चाहती थी, उन्हें राजनीतिक स्तर पर यह स्पष्ट करना था कि वह ऐसे हमलों में शामिल नहीं हैं। पुलवामा हमला फरवरी 2019 में हुआ था जिसमें 40 भारतीय सुरक्षाकर्मी मारे गए थे, जिसके बाद भारत ने बालाकोट में हवाई हमले किए थे।
अजय बिसारिया ने क्या लिखा है?
अजय बिसारिया लिखते हैं, “कुछ दिनों बाद जून में मुझे इस्लामाबाद में सुबह दो बजे एक फोन आया। जिसने मुझे फोन किया था वह आईएसआई का करीबी था और मुझे लगा कि वह मुझे सिर्फ इसलिए फोन कर रहा था क्योंकि वह इस्लामाबाद में ज्यादातर लोगों की तरह रमजान के महीने में सेहरी इंतजार कर रहा था और यह एक नॉर्मल कॉल था। लेकिन ऐसा नहीं था…यह कॉल मुझे एक जरूरी सूचना देने के लिए किया गया था। सूचना यह थी कि कश्मीर में अल-कायदा हमले की योजना बना रहा है।” दरअसल कश्मीर के पुलवामा में 23 मई को एक आतंकवादी जाकिर मूसा मारा गया था। अल कायदा उसकी मौत का बदला लेना चाहता था।
फिर बिसारिया ने क्या किया?
अजय बिसारिया आगे लिखते हैं,“मैंने पूछा कि क्या यह जानकारी सामान्य सैन्य चैनलों, डीजीएमओ हॉटलाइन के माध्यम से दी गई थी। मुझे बताया गया कि ऐसा हो सकता है लेकिन आईएसआई नेतृत्व मुझे यह जानकारी देने में ज़्यादा दिलचस्पी इसलिए रख रहा था ताकि मैं इस जानकरी को भारत तक पहुंचा सकूं। उस वक्त असीम मुनीर आईएसआई के डीजी थे, मैंने यह जानकारी भारत को दे दी, मुझे चिंता थी कि यह किसी तरह का गेम प्लान हो सकता है।” वह आगे लिखते हैं,”यह पता चला कि यह सही सूचना थी और उस ही अनुमानित समय और स्थान के करीब हमले का प्रयास किया गया था।