बिहार चुनाव में महागठबंधन के सफल होने से उत्साहित आरजेडी और जेडीयू ने असम विधानसभा चुनाव के मद्देनजर भी महागठबंधन बनाने का एलान किया है। इसमें उसकी तीसरी साझीदार AIUDF होगी। जानकार मानते हैं कि बदरुद्दीन अजमल की पार्टी AIUDF अगर किंग नहीं तो किंगमेकर जरूर बन सकती है। ऐसा इसलिए क्योंकि यहां चालीस सीट ऐसी हैं, जहां मुस्लिम आबादी ज्यादा है। AIUDF राज्य की प्रमुख विपक्षी पार्टी है, जिसने 2011 विधानसभा चुनाव में 18 सीटों पर जीत दर्ज की थी। AIUDF ने 2011 में 77 सीटों पर चुनाव लड़ा था।
आरजेडी और जेडीयू गठबंधन ने कांग्रेस को भी जुड़कर बीजेपी के खिलाफ लड़ने का न्योता दिया है। बिहार में तीनों पार्टियां साथ मिल कर एनडीए के खिलाफ लड़ी थीं। असम में अभी तक कांग्रेस ने केवल छोटी पार्टियों ऑल बोडो स्टूडेंट्स यूनियन (ABSU) और यूनाइटेड पीपुल्स पार्टी (UPP) से ही गठबंधन किया है।
जहां तक बीजेपी का सवाल है, पार्टी ने प्री पोल एलायंस बनाते हुए असम गण परिषद् (एजीपी) और बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट (बीपीएफ) के साथ गठबंधन किया है। हालांकि, अभी तक ऐसा कहा जा रहा था कि आंतरिक मतभेदों की वजह से एजीपी शायद ही यह गठबंधन जारी रखे। एजीपी के कुछ नेताओं ने बगावत कर दी है और इसके दो एमएलए ने तो कांग्रेस भी ज्वाइन कर ली है। वहीं, बीजेपी के नेताओं ने भी कांग्रेस ज्वाइन की है।
असम में कुल मुस्लिम आबादी 34 प्रतिशत है। बारपेटा, करीमगंज, मोरीगांव, बोंगईगांव, नागांव, ढुबरी, हैलाकंडी, गोलपारा और डारंग 9 मुस्लिम बहुल आबादी वाले जिले हैं। इन 9 जिलों में कुल 53 सीटे विधानसभा सीटें हैं। मुस्लिम बहुल आबादी वाले 9 जिलों के 39 विधानसभा क्षेत्रों में मुस्लिम आबादी 35 प्रतिशत से ज्यादा है, जबकि अन्य 14 विस क्षेत्रों में यह प्रतिशत 25-30 प्रतिशत है। 2011 विस चुनाव में इन 39 सीटों में से 18 कांग्रेस ने जीती थीं, जबकि AIUDF ने 16 सीटें जीती थीं।
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