दिल्ली में हवा की गुणवत्ता रोज के रोज खराब होती नजर आ रही है। दिल्ली और राजधानी क्षेत्र में भी प्रदूषण का असर का दिख रहा है। लोगों की आंखों में जलन , सीने में जकड़न और सांस लेने में दिक्कत जैसी बातें सामने आ रही हैं। दिल्ली से सटा गाजियाबाद देश का सबसे प्रदूषित (Pollution) शहर बन गया है। सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकॉस्टिंग एंड रिसर्च ने अपने आंकड़ों में इस बात का जिक्र किया है कि  उत्तर पश्चिम से दिल्ली पहुंच रही हवाओं से दिल्ली के प्रदूषण में पराली के धुएं का हिस्सा सबसे ज्यादा करीब 35 फीसदी पहुंच गया है।

एम्स डायरेक्टर ने एक  अखबार  को दिए गए साक्षात्कार में बताया कि प्रदूषित हवा के चलते सिर्फ फेफड़़ों पर ही नहीं बल्कि पूरे शरीर पर असर पड़ता है। 10 साल से ज्यादा के समय से जो लोग प्रदूषित हवा में सांस लेते हैं उनको फेफड़ों का कैंसर होने के साथ ही हार्ट अटैक और स्ट्रोक जैसी बीमारी होने का खतरा रहता है। उन्होंने यह भी बताया कि हवा के प्रदूषित होने की वजह से लोगों को टीबी और निमोनिया जैसी बीमारियों का भी खतरा रहता है।

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मास्क और रस्पिरेटर को लेकर उन्होंने कहा कि हम मरीजों को मास्क की सलाह कम ही देते हैं ।अगर कोई कहता है तो हम उसे थ्री लेयर या एन-95 मास्क लेने की सलाह देते हैं। उन्होंने कहा कि हम मास्क लगाने वालों को टाइट मास्क लगाने की सलाह देते हैं। उनका कहना है कि अगर मास्क टाइट नहीं लगा होगा तो हवा फिल्टर के बजाए सीधा मास्क के अंदर जाएगी जिसके चलते मास्क का कोई फायदा नहीं होगा।बता दें कि 0 से 50 के बीच के AQI (एयर क्वॉलिटी इंडेक्स) को अच्छा माना जाता है। 51 से 100 को ‘संतोषजनक’, 101 से 200 को ‘मध्यम’ 201 से 300 तक ‘खराब’ और 301 से 400 तक ‘बहुत खराब’ और 500 से ऊपर को ‘खतरनाक’ माना जाता है।दिल्ली में एक्यूआई 400 के ऊपर तक  पहुंच गया है।