गुजरात के अहमदाबाद में एअर इंडिया का प्लेन क्रैश हो गया। इस हादसे में 200 से अधिक यात्रियों के मौत की संभावना है। हालांकि अभी तक आधिकारिक आंकड़ा नहीं सामने आया है। इस प्लेन में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रुपाणी भी सवार थे, जिनकी मौत की पुष्टि हो गई है। यह प्लेन टेकऑफ के तुरंत बाद क्रैश हो गया। आसमान में धुएं का गुबार उठ रहा था।
अब लोग यह जानना चाह रहे हैं कि एअरप्लेन का फ्यूल टैंक कहां पर होता है और इसमें जब आग लगती है तो कहां बैठे यात्रियों को सबसे अधिक खतरा होता है।
प्लेन में फ्यूल टैंक और इंजन कहां होता है?
हवाई जहाज लंबी दूरी के लिए किया जाता है। ऐसे में भारी मात्रा में ईंधन की जरूरत भी होती है। हालांकि हवाई जहाज में ईंधन को मेनबॉडी में नहीं स्टोर किया जाता है। बल्कि विमान के दोनों विंग्स में ईंधन स्टोर किया जाता है। इसका एक कारण यह भी है कि विमान के इंजन भी उसके विंग में लगे होते हैं, ऐसे में फ्यूल को इंजन तक पहुंचने में आसानी होती है। इसके अलावा प्लेन का वजन भी काफी कम हो जाता है।
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माना जाता है कि अगर फ्यूल को मेनबॉडी में भरा जाएगा, तो इससे प्लेन की बैलेंसिंग बिगड़ती है। लेकिन अगर विंग्स में फ्यूल भरा जाएगा तो बैलेंस बराबर बना रहता है।
बड़ा सवाल उठता है कि प्लेन में आग लगने पर कहां बैठे यात्रियों को सबसे अधिक खतरा होता है?
वैसे तो अगर प्लेन क्रैश होता है तो सभी यात्रियों के लिए खतरे की बात होती है। कई बार देखा गया है कि प्लेन क्रैश में सभी यात्रियों की मौत भी हो जाती है। लेकिन आपको बता दें कि आग लगने की स्थिति में विंग्स या इंजन के पास बैठे यात्रियों को सबसे अधिक खतरा होता है, क्योंकि यहीं पर फ्यूल टैंक और इंजन भी होते हैं। यानी अगर आप प्लेन में सबसे पीछे या सबसे आगे बैठते हैं तो थोड़ा सा खतरा आपके लिए कम होगा।