गुजरात के अहमदाबाद में गुरुवार (12 जून) को बड़ा विमान हादसा हुआ। अहमदाबाद एयरपोर्ट से उड़ान भरने के कुछ ही समय बाद एअर इंडिया का विमान AI-171 दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इसमें सवार 242 में से 241 यात्रियों की मौत हो गई। दुर्घटना से कुछ समय पहले विमान के दो वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आए हैं, जिससे यह सवाल उठता है कि आखिर क्या गलत हुआ? विमानन विशेषज्ञ और पूर्व एअरलाइन अधिकारी क्लिप का विश्लेषण कर रहे हैं और उन्हें संदेह है कि इसका मुख्य कारण दोनों इंजन का फेल होना हो सकता है।
लैंडिंग गियर पूरी तरह नहीं हुआ बंद
विमान का लैंडिंग गियर 400 फीट से ऊपर चढ़ने के बाद भी बढ़ा हुआ था। इसे पायलट असामान्य मानते हैं। हवाई सुरक्षा विशेषज्ञ कैप्टन अमित सिंह ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया, “उड़ान भरने के 5 सेकंड के भीतर पायलट आमतौर पर लैंडिंग गियर ऊपर कर देते हैं।”
वहीं एयर इंडिया के पूर्व अधिकारी कैप्टन मनोज हाथी ने कहा, “जैसे ही ऊंचाई के लेवल पर पहुँचते हैं, लैंडिंग गियर वापस ले लिया जाता है।” टेकऑफ़ के दौरान लैंडिंग गियर नीचे छोड़ दिए जाने से ड्रैग बढ़ जाता है और विमान धीमा हो जाता है, जिससे ऊंचाई हासिल करना मुश्किल हो जाता है। सामान्य परिस्थितियों में स्थिर टेकऑफ सुनिश्चित करने के बाद पायलट सबसे पहले लैंडिंग गियर वापस ले लेते हैं।
इंजन में खराबी, ईंधन की समस्या या पक्षी के टकराने की संभावना
एक बड़ी चिंता यह है कि गियर नीचे क्यों रह गया? कैप्टन अमित सिंह ने बताया, “अगर ध्यान भटकता है तो पायलट गियर लगाना भूल सकते हैं। ध्यान भटकने की वजह दोनों इंजन की खराबी, पक्षी के टकराने या दोनों हो सकता है। विमान के रनवे के अंत को पार करते समय धूल का गुबार दिखाता है कि उसमें पावर कम थी और संभवतः दोनों इंजन की समस्या थी।”
कैप्टन मनोज हाथी ने संभावना दोहराई, “यह संभव है कि दोनों इंजन की आग की वजह से लैंडिंग गियर को वापस नहीं लिया जा सका। पक्षी के टकराने या ईंधन के पोल्यूटेड होने के कारण दोनों इंजन में खराबी हो सकती है। विमान की ट्राजेक्टरी और बॉडी एंगल को देखते हुए ऐसा लगता है कि विमान गति में कमी के कारण रुका हुआ है।”
क्या एअर इंडिया की फ्लाइट में पक्षी टकराया?
दिसंबर 2023 में संसद में शेयर किए गए नागरिक उड्डयन मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार गुजरात में पांच सालों में 462 पक्षी टकराने के मामले देखे गए हैं, जिनमें अहमदाबाद हवाई अड्डे पर सबसे अधिक संख्या दर्ज की गई है। सितंबर 2023 की एक TOI रिपोर्ट में भी अहमदाबाद में ऐसी घटनाओं में 35% की वृद्धि दर्ज की गई है, जिसमें 2022-23 में 38 पक्षी टकराने की घटनाएं दर्ज की गई हैं।
2009 के एक मामले में 2,700 फीट की ऊंचाई पर एक पक्षी टकराया था, जब सीगल का झुंड इंजन में फंस गया था। इसके विपरीत हाल ही में एअर इंडिया की फ्लाइट बहुत कम ऊंचाई पर उड़ रही थी, जिससे पायलटों के पास प्रतिक्रिया करने के लिए बहुत कम समय या ऊंचाई थी। MAYDAY कॉल और विमान का व्यवहार आपातकाल का संकेत देता है।
नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने पुष्टि की है कि उड़ान भरने के कुछ सेकंड बाद ही MAYDAY कॉल जारी किया गया था। विशेषज्ञों का कहना है कि यह इंजन विफलता को पुष्ट करता है। वीडियो में विमान को घनी आबादी वाले इलाके में नीचे उड़ते हुए देखा जा सकता है। दुर्घटना से कुछ क्षण पहले ऐसा प्रतीत होता है कि पायलटों ने विमान की नाक ऊपर उठाई, संभवतः इमारतों से टकराने से बचने के लिए (एक ऐसा कदम जिससे हवाई गति में और कमी आ सकती है। कैप्टन सिंह ने कहा, “अगर पायलटों ने नाक ऊपर नहीं उठाई होती, तो भी विमान फिसलता, नीचे उतरता और अंततः दुर्घटनाग्रस्त हो जाता।”
टेक-ऑफ के दौरान फ्लैप सेटिंग के बारे में सवाल
फ्लैप टेकऑफ के दौरान लिफ्ट के लिए महत्वपूर्ण होते हैं। ये भी जांच के दायरे में आ गए हैं। कुछ पायलटों का मानना है कि फ्लैप तैनात नहीं थे। वहीं कुछ पायलट मानते हैं वीडियो फुटेज कुछ और ही दर्शाता है। विस्तृत विश्लेषण के बाद ही सटीक स्थिति की पुष्टि की जाएगी। जांच जारी है और करीब एक साल में अंतिम रिपोर्ट आने वाली है।
‘एक साल में आएगी रिपोर्ट’
भारत का विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन (ICAO) के Annex 13 के तहत अंतरराष्ट्रीय मानदंडों का पालन करते हुए जांच का नेतृत्व कर रहा है। प्रारंभिक रिपोर्ट 30 दिनों के भीतर आने की उम्मीद है, लेकिन यह भारतीय अधिकारियों पर निर्भर है कि वे इसे सार्वजनिक करें या नहीं। अंतिम रिपोर्ट (जिसमें कारणों का पूरा विश्लेषण शामिल है) वह अगले साल 12 जून तक जारी की जाएगी। Annex 13 यह स्पष्ट करता है कि ऐसी जांच का मुख्य लक्ष्य दोष देना नहीं है, बल्कि भविष्य में इसी तरह की दुर्घटनाओं को रोकना है।