एअर इंडिया की नेवार्क-मुंबई की जिस फ्लाइट को ‘तकनीकी खराबी” बताकर सोमवार को इस्‍तांबुल डायवर्ट करना पड़ा था, उसकी असल वजह कुछ और ही थी। असल में मुंबई से 5-6 घंटे की दूरी पर विमान के टाॅयलेट नहीं काम कर रहे थे। फ्लाइट AI-144 ने अमेरिकी समय के हिसाब से 4.25 पर उड़ान भरी थी और उसे सोमवार को 16.40 पर मुंबई पहुंचना था, मगर विमान ने रात 10 बजे लैंडिंग की। एअर इंडिया ने पहले ट्वीट कर तकनीकी कारणों की वजह से विमान को इस्‍तांबुल डायवर्ट करने की बात की। उन्‍होंने यह साफ नहीं किया कि किस तरह की तकनीकी खराबी थी, बाद में पता चला कि एयरक्राफ्ट के टॉयलेट्स काम नहीं कर रहे थे।

अमेरिका में L&T Infotech के आईटी मैनेजर के तौर पर काम करने वाले विशाल नंदा उसी फ्लाइट में सवार थे। उन्‍होंने बताया, ”हम मुंबई से पांच से छह घंटे की दूरी पर थे, जब पायलट ने घोषणा की कि चूंकि विमान का कोई भी टॉयलेट काम नहीं कर रहा है, इसलिए वे विमान को इस्‍तांबुल ले जा रहे हैं और वहां रिपेयरिंग की कोशिश करेंगे। मेरी सीट टॉयलेट से सिर्फ एक पंक्ति दूर थी और जब मैं नींद के बाद उठा तो मैंने वॉशरूम के बाहर 20-25 यात्रियों की लम्‍बी लाइन देखी। पूछने पर बताया गया कि एयरक्राफ्ट के दो में से एक टॉयलेट काम कर रहा है। लेकिन अगले दस मिनट में वे भी खराब हो गए और स्‍टाफ ने उन्‍हें बंद कर दिया। असल में, किसी भी टॉयलेट में फ्लश नहीं काम कर रहा था। यहां तक कि बिजनेस और फर्स्‍ट क्‍लास के टॉयलेट्स भी काम नहीं कर रहे थे।

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जब इस बारे में एअर इंडिया के मैनेजर-कॉर्पोरेट कम्‍युनिकेशन शोभा निम्‍बालकर से पूछा गया तो उन्‍होंने इस बात की पुष्टि की। उप्‍न्‍होंने कहा, ”हां, ऐसा हुआ था। एविएशन की भाषा में हम इसे तकनीकी खराबी कहते हैं, लेकिन फिर भी फ्लाइट उसी दिन मुंबई पहुंच गई। ऐसी बातें रोज नहीं होती।”