DGCA Fined Air India: डीजीसीए (DGCA) यानी डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन ने एयर इंडिया के खिलाफ बड़ा एक्शन लेते हुए 99 लाख रुपये का जुर्मान लगाया है। दिग्गज एयरलाइन कंपनी पर लगा ये जुर्माना नॉन क्वालिफाइड क्रू मेंबर्स से जुड़ा है। इसके चलते 90 लाख रुपये का रुपये का फाइन लगाया गया है। इसके अलावा 9 लाख रुपये का जुर्माना अन्य खामियों को लेकर लगाया गया है।

एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार डीजीसीए ने एयरलाइन के डॉयरेक्टर ऑपरेशन पर 6 लाख रुपये और डायरेक्टर ट्रेनिंग पर तीन लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। इतना ही नहीं, डीजीसीए ने कंपनी को चेतावनी भी दी है कि भविष्य में इस तरह की को गलती न हो, वरना एयरलाइन कंपनी की मुसीबतें और बढ़ सकती हैं।

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डीजीसीए ने जारी किया बयान

इस मामले में डीजीसीए ने शुक्रवार को कहा कि मेसर्स एयर इंडिया लिमिटेड ने एक गैर-प्रशिक्षक लाइन कैप्टन द्वारा संचालित एक उड़ान का संचालन किया, जिसे एक गैर-लाइन-रिलीज़ प्रथम अधिकारी के साथ जोड़ा गया था। इसे नियामक ने एक गंभीर शेड्यूलिंग घटना के रूप में देखा है। जुलाई में एयर इंडिया द्वारा प्रस्तुत एक स्वैच्छिक रिपोर्ट के माध्यम से यह घटना नियामक के संज्ञान में आई थी।

रिपोर्ट्स के मुताबिक यह घटना जुलाई में मुंबई -रियाद की एक फ्लाइट की है। इसे एक प्रशिक्षित कैप्टन द्वारा, संचालित किया जाना था। उड़ान को संचालित करने के लिए निर्धारित प्रशिक्षण कप्तान के बीमार होने के कारण रोस्टरिंग में बदलाव करना पड़ा। हालांकि दूसरे प्रशिक्षण कप्तान की जगह एक नियमित पायलट को तैनात किया गया।

हैरानी की बात यह भी है कि जब दोनों पायलट प्लेन उड़ा रहे थे, तब ही उन्हें इस बात की जानकारी मिली थी। तय पायलट की तबीयत खराब होने के चलते प्रशिक्षित पायलट के साथ एक ट्रेनी पायलट को भेजा गया, जो कि नियमों के पूर्णत: खिलाफ था।

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नियमों के उल्लंघन से जुड़ा है अहम मामला

नियमों के अनुसार, उड़ान संचालित करते समय प्रशिक्षु पायलटों को प्रशिक्षण कप्तानों के साथ जोड़ा जाना आवश्यक है। इसीलिए एयर इंडिया को झटका लगा है। डीजीसीए ने अपनी जांच में पाया है कि एयरलाइन की काम करने की मौजूद खामी और अधिकारियों द्वारा किया गया नियमों का उल्‍लंघन सुरक्षा सुरक्षा को प्रभावित कर सकता था।

डीजीसीए ने यह भी स्‍पष्‍ट किया है कि इस मामले में संबंधित फ्लाइट के कमांडर और एयरलाइन के पदाधिकारियों को अपना पक्ष रखने का मौका दिया गया था, जिसमें वे संतोषजनक जवाब देने में असफल रहे थे।