एयर चीफ मार्शल (वायुसेना प्रमुख) बीएस धनोआ और विंग कमांडर अभिनंदन ने एक साथ मूलत: रूसी लड़कू विमान MIG-21 में एक साथ उड़ान भरी। सोमवार को उड़ान भरने के बाद वायुसेना प्रमुख ने अपनी खुशी का इजहार करते हुए कहा कि उनके और अभिनंदन के बीच कुछ बातें बेहद कॉमन हैं। दोनों ने पाकिस्तान के खिलाफ लड़ाई लड़ी है और दोनों को परिस्थितिवश अपने विमान से खुद को इजेक्ट करना पड़ा था। विंग कमांडर अभिनंदन बालाकोट एयरस्ट्राइक के बाद फरवरी में पाकिस्तान लड़ाकू विमान F-16 का पीछा करते हुए उसे मिग-21 से मार गिराया था। लेकिन, इस दौरान हालात ऐसे बने की उन्हें अपने विमान से कूदना पड़ा था और वह पाकिस्तान में लैंड कर गए थे। हालांकि, भारत के दबाव में पाकिस्तान को उन्हें छोड़ना पड़ा था।

इस मौके पर अपनी खुशी का इजहार करते हुए वायुसेना प्रमुख ने कहा, “यह मेरे लिए बेहद खुशी की बात है कि मैंने अभिनंदन के साथ उड़ान भरी। क्योंकि, उसे प्लाइंग कैटगरी वापस मिल गई है। यह वो वक्त है जिसका हर पायलट इंतजार करता है। मैंने भी खुद को 1988 में इजेक्ट किया था। तब मुझे अपनी फ्लाइंग कैटगरी हासिल करने में 9 महीने लग गए। लेकिन, इन्होंने 6 महीने के भीतर ही इसे वापस ले लिया।”

वायुसेना प्रमुख धनोआ ने आगे कहा, “हम दोनों के बीच दो बातों को लेकर काफी समानता है। पहली यह कि हम दोनों ने इजेक्ट (खतरे की हालत में विमान से पैराशूट की बदौलत बाहर निकल जाना) किया है और हम दोनों ने पाकिस्तान के खिलाफ लड़ाई लड़ी है। मैं कारगिल में लड़ा और उन्होंने (अभिनंदन) बालाकोट के बाद। तीसरी चीज खास यह है कि मैंने उनके पिता के साथ उड़ान भरी है। मेरे लिए यह गर्व की बात है कि मैंने अपने इंडियन एयरफोर्स के आखिरी पड़ाव में उनके बेटे के साथ विमान उड़ाया है।”

अभिनंदन को जब पाकिस्तान ने पकड़ लिया था, तब उनसे काफी बातें उगलवाने की वहां कोशिश की गई, लेकिन एक वीडियो में वह पूछताछ कर रहे अधिकारियों से साफ-साफ लहजे में कह रहे थे कि वह उनके किसी भी सवालों का जवाब नहीं दे सकते। इस दौरान पूरी दुनिया ने देखा कि अभिनंदन किस साहस और गर्व से पाकिस्तानी पूछताछ करने वाले अधिकारियों के सामने डंटे हुए थे। भारत वापसी के बाद अभिनंदन को वीर चक्र से सम्मानित किया गया।