मध्य प्रदेश में किसानों की आय दोगुनी करने के लक्ष्य को हासिल करने के लिए जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय (JNKVV) में इंटर क्रॉपिंग तकनीक ईजाद की गई है। इस तकनीक का नाम ‘जवाहर मॉडल’ रखा गया है। विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर ने इस नई तकनीक के बारे में जानकारी दी है।
वाइस चांसलर डॉक्टर पीके बिसेन ने बताया कि ‘जेएनकेवीवी के कुलपति डॉक्टर पीके बिसेन ने मंगलवार को बताया कि मॉडल को यूनिवर्सिटी के फार्म में प्रदर्शित किया गया, जिसमें एक अंतर-फसल तकनीक (इंटर क्रॉपिंग) शामिल है जो फसल की वृद्धि और कृषि आय को दोगुना करने के दिशा में एक अहम भूमिका निभा सकती है। उन्होंने कहा कि इस मॉडल के जरिए बाजार की मांग को देखते हुए किसान दो फसलों की खेती एक साथ कर सकते हैं।
जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय के प्रिंसिपल डॉक्टर मोनी थॉमस ने कहा ‘मध्य प्रदेश में 65 प्रतिशत छोटे और सीमांत किसान हैं जो कि इस मॉडल को अपना कर बेहतरीन काम कर सकते हैं। इसके जरिए किसान अरहर जैसी गहरी जड़ वाली फसल के साथ-साथ उथली जड़ वाली फसलें एक साथ उगा सकेंगे। इनमें हल्दी, अदरक, प्याज, टमाटर, लहसून आदि शामिल हैं। ऐसा होने पर उन्हें अच्छे दाम भी मिलेंगे।
गौरतलब है कि भारत में सबको अन्न देने वाले किसान की हालत अच्छी नहीं है। बड़ी संख्या में किसान खासतौर से छोटे किसान भारी कर्ज में दबे हैं और कर्ज की वजह से उत्पीड़न इतना ज्यादा बढ़ जाता है कि किसान को आत्महत्या करने के सिवाय कोई और रास्ता नजर नहीं आता।
मोदी सरकार 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करना चाहती है। एनडीए के दूसरे कार्यकाल में किसानों की आय दोगुनी करने पर फोकस किया जा रहा है। किसानों की आय बढ़ाने वाली योजनाओं को तेजी से अमल में लाई जा रही है।