ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख और सांसद असदुद्दीन ओवैसी के बयान पर शुरू हुआ बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। ओवैसी ने मुसलमानों से सिर्फ मुस्लिम उम्मीदवारों को ही वोट करने की अपील की थी। बीजेपी ओवैसी के बयान पर हमलावर है। पार्टी प्रवक्ता संबित पात्रा ने ओवैसी की तुलना मोहम्मद अली जिन्ना से कर डाली। उन्होंने कहा, ‘मौजूदा राजनीतिक परिदृश्य को देखते हुए मुझे यह कहने में जरा सी भी हिचक नहीं है कि ओवैसी नए जिन्ना (नियो जिन्ना) हैं। मुसलमानों को मुख्यधारा से अलग करने के लिए उकसाने वाला यह तरीका (मुसलमान सिर्फ मुस्लिम उम्मीदवारों को ही वोट करे) बेहद खतरनाक है। ओवैसी लगातार ऐसा करते रहे हैं।’ संबित पत्रा द्वारा जिन्ना से तुलना करने पर ओवैसी भड़क गए। उन्होंने बीजेपी प्रवक्ता को बच्चा तक करार दे दिया। ओवैसी ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ‘अरे संबित बच्चा है, बच्चों के बारे में नहीं बोलते। बच्चों के बाप से मुकाबला है हमारा। जब बड़े बात करते हैं तो बच्चों को टांय-टांय नहीं करना चाहिए।’

अगले साल लोकसभा चुनाव होने वाले हैं, ऐसे में सभी राजनीतिक दल अपने-अपने वोट बेस को मजबूत करने में जुटे हैं। एआईएमआईएम के नेता ओवैसी भी किसी से पीछे नहीं रहना चाहते। इसी सिलसिले में उन्होंने एक जनसभा को संबोधित करते हुए धार्मिक कार्ड खेला था। वर्ष 2019 के आम चुनाव से पहले ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने धार्मिक भावनाओं से खेलने की कोशिश की है। उन्होंने मुसलमानों से अपील की है कि वे मुस्लिम उम्मीदवारों को ही वोट दें। ओवैसी ने कहा, ‘जो लोग धर्मनिरपेक्षता की बातें करते हैं, वे सबसे बड़े डाकू हैं। वे सबसे बड़े पाखंडी हैं, जिन्होंने मुसलमानों को पिछले 70 वर्षों से इस्तेमाल किया है। उन्होंने हमें आतंक में रखा।’ ओवैसी ने कहा कि अगर मुसलमान देश में धर्मनिरपेक्षता को जिंदा रखना चाहते हैं तो उन्हें अपनी राजनीतिक ताकत बढ़ानी होगी। उन्होंने कहा कि मैं आपके दरवाजे पर यह कहने आया हूं कि अगर आप धर्मनिरपेक्षता को बरकरार रखना चाहते हैं तो अपने अधिकारों के लिए लड़िए। राजनीतिक ताकत बढ़ाइए और अपने उम्मीदवारों को जिताने में मदद कीजिए। ओवैसी ने कहा कि मुस्लिमों को किसी भी तरह से डरने या आतंकित होने की जरूरत नहीं है। अगर मुसलमान राजनीतिक तौर पर ताकतवर होते हैं, तभी लोकतंत्र मजबूत होगा। इस देश में धर्मनिरपेक्षता मजबूत होगी। कानून का राज भी मजबूत होगा।