ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) प्रमुख अनदुद्दीन ओवैसी ने असम में शनिवार (31 अगस्त 2019) को जारी की गई फाइनल राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) लिस्ट पर बीजेपी के दावों पर सवाल खड़े किए। इस लिस्ट में 19 लाख लोगों को जगह नहीं दी गई है। उन्होंने कहा कि गृह मंत्री और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने दावा किया था असम में 50 लाख घुसपैठिए हैं लेकिन लिस्ट में तो उनका यह दावा झूठा निकला।
एआईएमआईएम प्रमुख ने कहा ‘मुझे शक है कि बीजेपी नागरिक संशोधन विधेयक के जरिए एक ऐसा बिल ला सकती है जिसमें गैर-मुस्लिमों नागरिकता दी जा सकेगी। अगर ऐसा होगा तो यह एक बार फिर समानता के अधिकार का उल्लंघन होगा। बीजेपी के नेता अब खुद इस लिस्ट पर सवाल खड़े कर रहे हैं और इसे न मानने तक की बात कह रहे हैं।’
उन्होंने आगे कहा ‘बीजेपी को असम में जो हुआ उससे सबक सीखना चाहिए और हिंदू-मुस्लिम के नाम पर यह खेल बंद करना चाहिए। बीजेपी का असम में भारी संख्या में जो घुसपैठियों का दावा था वह मिथक साबित हुआ है। बीजेपी कहती थी कि असम में 50 लाख घुसपैठिए रह रहे हैं लेकिन लिस्ट से 19 लाख लोगों को ही बाहर किया गया है। इनमें से तीन लाख लोग तो ऐसे हैं जिन्होंने दस्तावेज जमा नहीं करवाए। 19 लाख का यह आंकड़ा अभी और ज्यादा कम होगा।’
बता दें कि असम के वित्त मंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने एनआसी लिस्ट पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा है कि इसमें कई ऐसे लोगों के नाम शामिल नहीं हैं जो 1971 से पहले बांग्लादेश से भारत आए थे। सरमा ने ट्वीट किया, ‘एनआरसी में कई ऐसे भारतीय नागरिकों के नाम शामिल नहीं किए गए हैं जो 1971 से पहले शरणार्थियों के रूप में बांग्लादेश से आए थे क्योंकि प्राधिकारियों ने शरणार्थी प्रमाण पत्र स्वीकार करने इनकार कर दिया।’

