एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने सोमवार (4 नवंबर) को पूर्व केंद्रीय गृह सचिव माधव गोडबोले के कथित दावे की पुष्टि की। बता दें कि माधव गोडबोले ने दावा किया था कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने ही बाबरी मस्जिद के ताले खुलवाए थे। इस मामले में ओवैसी बोले कि यह ‘ऐतिहासिक तथ्य’ है। उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में दावा किया कि राजीव गांधी ने इसी स्थान से अपना चुनाव अभियान भी शुरू किया था।

ओवैसी ने कहा, ‘‘माधव गोडबोले साब ने जो कुछ कहा है, उसमें सचाई है। उन्होंने बिल्कुल सच कहा है कि तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने बाबरी मस्जिद के ताले खुलवाए थे। यह ऐतिहासिक तथ्य है। यह भी एक ऐतिहासिक तथ्य है कि ताले खुलवाने के मामले का शाहबानो प्रकरण से कोई लेना-देना नहीं था। राजीव गांधी के बारे में गोडबोले ने जो कुछ कहा है, सच है।’’

Hindi News Today, 05 November 2019 LIVE Updates: देश-दुनिया की हर खबर पढ़ने के लिए यहां करें क्लिक

ओवैसी ने कांग्रेस पर भी बोला हमला: ओवैसी ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि जब ताले खोले गए, तब यह पार्टी सत्ता में थी। जब विवादित ढांचा ढहाया गया, तब कांग्रेस के पीवी नरसिम्हा राव प्रधानमंत्री थे। ओवैसी ने कहा, ‘‘कांग्रेस इस गलती के लिए बराबर की साझीदार है।’’

अयोध्या फैसले पर कही यह बात: बता दें कि बीजेपी नेता विनय कटियार का एक कथित बयान चर्चा में है। इसमें उन्होंने कहा था कि अयोध्या का फैसला आ जाने के बाद काशी और मथुरा पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। ऐसे में ओवैसी ने उम्मीद जताई कि अयोध्या मामले में फैसले से देश में कानून व्यवस्था कायम होगी।

माधव गोडबोले ने दिया था यह बयान: दिसंबर 1992 में बाबरी विध्वंस के समय केंद्र सरकार में गृह सचिव रहे माधव गोडबोले ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी और नरसिम्हा राव को निशाने पर लिया। उन्होंने कहा, ‘यदि राजीव गांधी ने एक्शन लिया होता तो अयोध्या मसले का हल निकल जाता, क्योंकि दोनों पक्षों में राजनीतिक स्थिति उतनी दृढ़ नहीं थी। उस समय फैसला सभी को मंजूर हो सकता था। राजीव गांधी बाबरी मस्जिद का ताला खोलने गए थे। उनके प्रधानमंत्री रहते हुए ही मंदिर का शिलान्यास समारोह आयोजित किया गया था। मैंने उन्हें आंदोलन का दूसरा कारसेवक बताया था। पहले कारसेवक वह डीएम थे, जिन्होंने यह सब शुरू करने की अनुमति दी थी।’