अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) दिल्ली में ‘स्क्रीनिंग ओपीडी’ शुरू करने सहित कई ऐसी योजनाओं पर काम चल रहा है। इससे दूरदराज के ग्रामीण इलाकों के मरीजों को भी एम्स के विशेषज्ञों का परामर्श जल्दी मिल सकेगा।‘स्क्रीनिंग ओपीडी’ से तय हो जाएगा कि मरीज को क्या परेशानी है और उसे किस विभाग में दिखाने की जरूरत है। अगर मरीज हल्की फुल्की बीमारी से पीड़ित है तो उसे यहीं दवा दे दी जाएगी। उसे अनावश्यक दूसरे विभागों में भटकना नहीं पड़ेगा। एम्स दिल्ली में ‘स्क्रीनिंग ओपीडी’ सेवा इसी साल शुरू होने की उम्मीद है।

‘स्क्रीनिंग ओपीडी’ शुरू होने पर मरीज को जरूरत के हिसाब से एमआरआइ या सिटी स्कैन जैसी जांच भी ‘स्क्रीनिंग ओपीडी’ से ही करा कर संबंधित विभाग में भेजा जाएगा। संबंधित विभाग में जाने से पहले उनको विशेषज्ञ का परामर्श मिलेगा। वहीं चिकित्सक इनका इलाज जरूरत के हिसाब से जल्दी शुरू कर पाएंगे।

इस सुविधा का फायदा मरीजों को दिलाने के लिए एम्स में दस एमआरआइ मशीन और दस सीटी स्कैन मशीन लगाने की योजना बनाई है जो केवल ओपीडी मरीजों के लिए ‘स्क्रीनिंग ओपीडी’ क्षेत्र में ही लगाए जाएंगे। इसके अलावा भर्ती मरीजों और आपातकाल में आने वाले मरीजों के लिए अलग से सिटी और एमआरआइ मशीनें होंगी। ओपीडी में आने वाले मरीजों को जल्दी इलाज मिल सके। इसके लिए और अल्ट्रासाउंड मशीनें लगाई जाएंगी। इनमें दो अभी आ गई हैं। अभी चार और लगेंगी। कुल आठ मशीनें होंगी ताकि मरीजका उसी दिन अल्ट्रासाउंड किया जा सके।

इसी तरह एक्सरे मशीनें भी बढ़ाई गई हैं। ये मशीनें और लगाई जाएंगी। एम्स प्रोटोकाल विभाग के अधिकारियों ने बताया कि ‘स्क्रीनिंग ओपीडी’ शुरू होने से मरीजों के इलाज में लगने वाले समय में बचत होगी। अभी मरीज अपने मन से किसी भी विभाग का समय लेकर पंजीकरण कराने आ जाते हैं। कई बार मरीज को बीमारी कोई होती है और वे पंजीकरण किसी अन्य विभाग में करवा लेते हैं। इससे मरीज को अपना इलाज करने में समय लग जाता है।