आगामी लोकसभा चुनाव (2019) से पहले केंद्र सरकार असंगठित क्षेत्र के लगभग 48 करोड़ कामगारों को बड़ा तोहफा दे सकती है। सरकार इस वर्ग को न्यूनतम मजदूरी और मासिक पेंशन देने की योजना पर विचार कर रही है। इसके अलावा संगठित क्षेत्र के करीब 6 करोड़ कामगारों की मासिक पेंशन बढ़ोतरी पर विचार हो रहा है। बताया जा रहा है कि संगठित क्षेत्र के कामकारों की पेशन 1,000 रुपये से बढ़ाकर 3,000 रुपये की जा सकती है।

सूत्रों के मुताबिक श्रम मंत्रालय ने इस संबंध में संशोधित ‘द कोड ऑन वेज बिल’ को कैबिनेट की सहमति के लिए भेज दिया  है। इस बिल में असंगठित क्षेत्र की न्यूनतम मजदूरी निर्धारित की गई है। जिसके तहत रसोइया, ड्राइवर, स्वीपर, गार्ड्स आदि का न्यूनतम वेतन 9,900 रुपये प्रति माह करने की सिफारिश है। सूत्र का कहना है, “प्रपोजल (‘द कोड ऑन वेज बिल’) 26 दिसंबर को ही आ गया था, लेकिन प्रधानमंत्री ने नरेंद्र मोदी ने इसकी समीक्षा करने के बाद आखिरी वक्त में स्थगित कर दिया। अब यह 2 जनवरी को स्वीकृति के लिए आएगा।”

न्यूनतम मजदूरी से जुड़ा नया बिल 2017 में ही संसद में लाया गया था। जिसमें न्यूनतम मजदूरी को कामगारों का कानूनी हक बताया गया। मजदूरी की सीमा एक कमेटी द्वारा निर्धारित की गई थी। इसके लागू होने के बाद सभी राज्यों में न्यूनतम मजदूरी एक सामान हो जाती। अब इस बिल से संबंधित संशोधनों को स्टैंडिंग कमेटी ने देख लिया है और उसने भी अपनी रिपोर्ट दिसंबर के शुरू में सौंप दी है। संशोधित मसौदे में सभी कामगारों को हफ्ते में एक दिन छुट्टी देने के साथ-साथ वेतन को महीने की 7 तारीख तक देने की बात है। यही नहीं तमाम असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के लिए लेबर- इंस्पेक्टर की भी तैनाती होगी। जो ये सुनिश्चित करेंगे कि उन्हें न्यूनतम वेतन दिया जा रहा है या नहीं। इस दौरान वेतन या छुट्टी के संबंध में मजदूर अपनी शिकायत लेबर-इंस्पेक्टर से कर सकते हैं।

फिलहाल, न्यूनतम वेतन सुनिश्चित करने की सुविधा 6 करोड़ संगठित क्षेत्र के कामगारों को दी गई है। सूत्रों के मुताबिक, “वर्तमान में 17.64 लाख कामगारों को 1000 रुपये प्रति माह पेंशन के रूप मे दिया जाता है। इसके लिए बजट में 800 करोड़ रुपये की जरूरत होती है। लेकिन, यदि यह पेशन बढ़कर 3,00 रुपये हो जाती है तो इसके लिए 10,000 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान करना होगा। हालांकि, अभी इस पर वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता वाला मंत्री समूह (GoM) फैसला करेगा और माना जा रहा है कि यह काम बुधवार (2 जनवरी) को हो जाएगा।”