केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन पिछले दो महीने से भी ज्यादा समय से जारी है। इस आंदोलन का नेतृत्व भारतीय किसान यूनियन (BKU) के राष्‍ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत कर रहे हैं। राकेश किसानों के मसीहा कहे जाने वाले चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत के छोटे बेटे हैं। राकेश के बड़े भाई नरेश टिकैत वेस्‍ट यूपी के शक्तिशाली बलियान खाप के प्रमुख हैं।

अपने छोटे भाई की तरह नरेश टिकैत भी कृषि कानून के विरोध में एक्शन में आ गए हैं। उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में आज महापंचायत का आयोजन किया गया है। नरेश टिकैत ने महापंचायत को संबोधित करते हुए कहा कि हमारा आंदोलन जारी रहेगा। हम किसानों के हक के लिए लड़ते रहेंगे। भारी जनसैलाब को देखकर उत्साहित किसान नेताओं ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा और कहा कि हमारी मांगें जायज है, सरकार को इस पर विचार करना चाहिए।

उनके पिता महेंद्र सिंह टिकैत मुजफ्फरनगर के एक प्रभावशाली व्यक्ति थे। उन्होंने भारतीय किसान यूनियन की उत्तर प्रदेश शाखा की स्थापना की थी, जिसे मूल रूप से चौधरी चरण सिंह द्वारा स्थापित किया गया था। चौधरी चरण सिंह बाद में देश के प्रधान मंत्री भी बने थे। महेंद्र सिंह टिकैत के बड़े बेटे नरेश टिकैत, बलियान खाप पंचायत के प्रमुख हैं वह आठ साल की उम्र में बलियान खाप के चौधरी बन गए थे, जो उन्हें अपने पिता से विरासत में मिला।

नरेश टिकैत को अपने पिता की विरासत स्वाभाविक रूप से मिली है, लेकिन राकेश टिकैत हालिया किसान आंदोलन की वजह से लोकप्रिय नेता के रूप में उभरे हैं। इस किसान आंदोलन से राकेश टिकैत का कद कई गुना बढ़ गया है। किसान आंदोलनों के जानकार कहते हैं कि महेन्द्र सिंह टिकैत की विरासत तो नरेश संभाल रहे हैं, लेकिन वाकपुटता, महफिल लूटने और मीडिया में बने रहने में राकेश माहिर हैं। इस कला में नरेश पिछड़ जाते हैं। बताते हैं राकेश की लोकप्रियता भी नरेश को टक्कर दे देती है।

भले ही दोनों भाई एक ही संगठन से हों, लेकिन दोनों के बीच मतभेद सार्वजनिक हैं। लेकिन दिल्‍ली में गणतंत्र दिवस की हिंसा के बाद चल रहे किसान आंदोलन में जो घटनाक्रम हुए हैं, वे जाहिर तौर पर दोनों भाइयों को करीब ले आए हैं। राकेश टिकैत ने गुरुवार की रात गाजीपुर बॉर्डर पर रोते हुए भावनात्मक अपील की थी, जिससे उनके समर्थक मजबूती से उनके साथ जुड़ गए। इसके जरिये राकेश टिकैत ने अपने भाई के साथ भी एक अनकही दूरी पाट दी। नरेश टिकैत ने शुक्रवार को घोषणा की कि ‘मेरे भाई के आंसू व्यर्थ नहीं जाएंगे।’

देर रात नरेश टिकैत ने ट्वीट करके कहा कि चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत के बेटे और मेरे छोटे भाई राकेश टिकैत के ये आंसू व्यर्थ नहीं जाएंगे। सुबह महापंचायत होगी और अब हम इस आंदोलन को निर्णायक स्थिति तक पहुंचा कर ही दम लेंगे।