देश के पहले अग्निवीर अक्षय लक्ष्मण शहीद हो गए हैं। उनकी सियाचिन में पोस्टिंग की गई, लेकिन रविवार को एक ऑपरेशन के दौरान वे शहीद हो गए। अभी तक ये स्पष्ट नहीं कि अक्षय कौन से ऑपरेशन में शामिल थे, लेकिन सेना की तरफ से उन्हें एक इमोशनल विदाई दी गई है। उनकी इस कुर्बानी पर सभी फक्र महसूस कर रहे हैं और इस मुश्किल समय में उनके परिवार के साथ मजबूती से खड़े हैं।
अग्निवीर की शहादत पर सभी भावुक
आर्मी ने एक ट्वीट में लिखा है कि जनरल मनोज पांडे और सभी आर्मी के अफसर अग्निवीर अक्षय लक्ष्मण की इस कुर्बानी को सलाम करते हैं। इस मुश्किल घड़ी में भारतीय सेना परिवार के साथ मजबूती से खड़ी है। जो तस्वीरें सामने आई हैं, उनमें अक्षय को पूरी सेना ने तय प्रक्रिया के तहत अंतिम विदाई दी है। जानकारी के लिए बता दें कि इससे पहले 11 अक्टूबर को एक अग्निवीर ने आत्महत्या भी कर ली थी।
वो घटना पुंछ सेक्टर की थी जहां पर अग्निवीर अमृतपाल सिंह ने आत्महत्या कर ली। लेकिन सेना द्वारा उन्हें कोई गार्ड ऑफ ऑनर नहीं दिया गया था। सेना का नियम साफ है कि जो भी आत्महत्या करता है, उन्हें किसी भी तरह का गार्ड ऑफ ऑनर नहीं मिलता है। एक आंकड़ा बताता है कि सेना में हर साल करीब 140 जवान आत्महत्या कर लेते हैं।
क्या है अग्निवीर योजना?
यहां ये समझना जरूरी है कि अग्निपथ योजना के तहत भर्ती होने वाले युवाओं को अग्निवीर कहा जाएगा। कार्यकाल (4 वर्ष) के दौरान सरकार वेतन का भुगतान करेगी। चार वर्ष बाद नौकरी खत्म होने पर 11.7 लाख रुपये की एकमुश्त राशि दी जाएगी, जिसपर किसी भी प्रकार का टैक्स नहीं देना होगा। यदि अग्निवीर की ड्यूटी के दौरान मौत हो जाती है तो, परिवार को बीमा की राशि और शेष वेतन को मिलाकर 1 करोड़ रुपया एकमुश्त दिया जाएगा।