अग्निपथ स्कीम के विरोध का आज चौथा दिन है। बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड, मध्य प्रदेश, राजस्थान और हरियाणा समेत कई राज्यों में विरोध प्रदर्शन उग्र रूप लेता जा रहा है। इस विरोध में राजनीतिक दलों के उतरने से सरकार के सामने और भी चुनौती खड़ी होती दिखाई दे रही है। इस स्कीम को लेकर प्रदर्शन के दौरान शुक्रवार को एक शख्स की मौत हो गई। तेलंगाना के सिकंदराबाद रेलवे स्टेशन पर उपद्रवियों से निपटने के लिए पुलिस को फायरिंग करनी पड़ी थी जिसमें एक शख्स की मौत हो गई थी। 23 वर्षीय दामोदर राकेश तीन साल से सेना में भर्ती की आस लगाए बैठा था और उसने फिजिकल टेस्ट और मेडिकल टेस्ट पास कर लिया था, जिसके बाद वह लिखित परीक्षा के लिए तारीखों के ऐलान का इंतजार कर रहा था।
शुक्रवार की सुबह अग्निपथ स्कीम को लेकर हो रहा विरोध हिंसक हो गया, जिसके बाद हालात को काबू में करने के लिए पुलिस को गोली चलानी पड़ी। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि पुलिस की गोली लगने से राकेश की मौत हुई। राकेश को घायलावस्था में हैदराबाद के गांधी जनरल अस्पताल ले जाया गया जहां उसे डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। हालांकि, डॉक्टरों ने पोस्टमॉर्टम पूरा होने तक गोली के घाव की पुष्टि करने से इनकार किया। राकेश वारंगल जिले के खानपुर मंडल में दबीरपेट गांव का रहने वाला था। राकेश की बड़ी बहन बीसीएफ में सेवारत है और पश्चिम बंगाल में पोस्टेड है।
किसान परिवार से आने वाले राकेश ने नरसमपेट से स्नातक की पढ़ाई पूरी की थी और उसने सेना में भर्ती के लिए फिजिकल टेस्ट और मेडिकल टेस्ट पास कर लिया था। इसके बाद वह लिखित परीक्षा के लिए तारीखों घोषणा का इंतजार कर रहा था। गुरुवार की रात वह अपने कुछ दोस्तों के साथ अगली सुबह सिकंदराबाद रेलवे स्टेशन पर प्रदर्शन में शामिल होने के लिए वह हैदराबाद पहुंचा था। वह अपने दो भाइयों और दो बहनों में सबसे छोटा था।
खानपुर के पूर्व सरपंच ने इंडियन एक्सप्रेस से फोन पर बात करते हुए बताया, “राकेश की मौत से परिवार के लोग सदमे में हैं और वे किसी तरह हैदराबाद पुहंचने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन उन्हें हनमकोंडा से आगे जाने से रोक दिया गया और वापस दबीरपेट भेज दिया गया।” पूर्व सरपंच ने राकेश के परिवार के लिए आर्थिक मदद और एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग की।