हरिद्वार-दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग की कलई खुल गई है। दिल्ली-हरिद्वार राष्ट्रीय राजमार्ग के सीमांत क्षेत्र नारसन में सड़क दुर्घटना में ऋषभ पंत घायल हुए। इस दुर्घटना के कुछ घंटों बाद ही राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण इकाई ने अपनी पोल पट्टी ढांपने के लिए मरम्मत शुरू कर दी थी।
ऋषभ पंत जिस जगह दुर्घटनाग्रस्त हुए, वहां एक अंधा मोड़ है जो अब तक 10 लोगों को लील चुका है। इस अंधे मोड़ के आसपास दो सौ से अधिक सड़क दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। यहां के रहने वाले राजन वर्मा बताते हैं कि स्थानीय निवासी कई बार इस अंधे मोड़ को ठीक करने की गुहार शासन प्रशासन से लगा चुके हैं, लेकिन राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारी उनकी नहीं सुनते।
जल्दबाजी में निर्माण
राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने साल 2021 में हरिद्वार में कुंभ मेले को देखते हुए जल्दबाजी में रातों-रात सड़क बनाई। हरिद्वार जनपद के सीमांत विकास खंड नारसन के मोहम्मदपुर जट्ट गांव के पास उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग के गंग नहर के रजवाहे को इस सड़क मार्ग पर बनी सर्विस लाइन के बीच में ही छोड़ दिया। यहां से राष्ट्रीय राजमार्ग टेढ़ा बना दिया। ऐसे में सर्विस लाइन से निकलने वाला स्कूटर या कार सवार जब मुख्य सड़क मार्ग की ओर बढ़ता है तो सामने से आ रहे वाहन सड़क दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं। यही मशहूर क्रिकेटर ऋषभ पंत के साथ हुआ। अंधे मोड़ के वे अपनी कार को आगे ले जाने के चक्कर में भ्रमित हुए।
राजमार्ग में गड्ढे को लेकर विवाद
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दिल्ली-हरिद्वार राजमार्ग पर बने गड्ढे को मुख्य कारण बताया। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने मुख्यमंत्री की इस बात को गलत ठहरा दिया। सवाल उठ रहा है कि अगर सड़क में गड्ढे नहीं थे तो फिर मुख्यमंत्री धामी गड्ढे होने की बात क्यों कह रहे हैं। सवाल यह उठता है कि यदि घटनास्थल पर राष्ट्रीय राजमार्ग में गड्ढे नहीं थे तो फिर ऋषभ पंत की कार दुर्घटना के बाद राजमार्ग प्राधिकरण ने सड़क की मरम्मत क्यों कराई? राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (रूड़की डिवीजन) के परियोजना निदेशक प्रदीप सिंह गुसाई का कहना है कि नारसन के पास जिस जगह पर दुर्घटना हुई, वहां सड़क पर गड्ढे नहीं थे।
वहां राजमार्ग से सटे हुए रजवाहे की वजह से सड़क संकरी है और किनारे मिट्टी का पुश्ता बना हुआ है। रजवाहे के कारण वहां पर सर्विस लेन अधूरी बनी हुई है और पूरी नहीं बन पा रही है। उन्होंने बताया कि मोहम्मदपुर पावर हाउस के पास नहर से जो रजवाहा निकल रहा है वह राजमार्ग की सड़क के सामानांतर है। इस कारण रजवाहा का पानी राजमार्ग पर जम जाता है। इसे ठीक करने के लिए समय-समय पर प्राधिकरण सड़क की मरम्मत करवाता रहता है।