इंदर से सांझा लोकस्वामी नाम से छपने वाले एक सांध्य अखबार ने अपनी वेबसाइट पर ‘हनी ट्रैप’ मामले से जुड़ी रिपोर्ट और फोटोग्राफ को प्रकाशित कर दिया। वेबसाइट पर मामले से संबंधित वीडियो और एक ऑडियो क्लिप भी अपलोड किए गए। इसके बाद पुलिस ने मीडिया संस्थान के संपादक के घर और उनके स्वामित्व वाले तमाम प्रतिष्ठानों के खिलाफ छापेमारी की। शुक्रवार देर रात जितेंद्र सोनी के घर, होटल, रेस्टोरेंट और नाइट क्लब में रेड पड़ी और घंटों तक चली। इस बीच सोनी लापता बताए जा रहे हैं, जबकि उनके बेटे अमित जो खुद अभियुक्त हैं, उन्हें भी हिरासत में लिया गया है।
शिवराज सिंह चौहान सरकार में मंत्री और एक प्रभावी नौकरशाह पर रिपोर्ट प्रकाशित करने के बाद सांध्य अखबार पिछले तीन दिनों से हनी ट्रैप मामले में शिकायतकर्ता हरभजन सिंह पर रिपोर्ट छाप रहा था। अखबार ने दावा किया था कि नेताओं और नौकरशाहों के और भी वीडियो उसके पास हैं और आगामी दिनों में मामले से जुड़े आर्टिकल छपते रहेंगे।
गौरतलब है कि सितंबर में हरभजन सिंह की शिकायत के आधार पर इंदौर पुलिस ने पांच महिलाओं और एक ड्राइवर को गिरफ्तार किया था, जिसे हनी ट्रैप मामले के रूप में जाना जाता है। सिंह ने आरोप लगाए थे कि औरतें उन्हें ब्लैकमेल कर रही थीं और धमकी दे रही थीं कि अगर उन्होंने 3 करोड़ रुपये नहीं दिए तो वे उनके साथ आपत्तिजनक हालत वाले वीडियो को सार्वजनिक कर देंगी।
सांझा लोकस्वामी द्वारा प्रकाशित रिपोर्टों में से एक में सिंह की दो महिलाओं के साथ तस्वीरें थीं। आरोप यह भी लगे कि सिंह खुद हनी ट्रैप मामले में संलिप्त थे। लेकिन, उन्हें पुलिस में शिकायत करने के लिए मजबूर किया गया ताकि महिलाओं के यहां छापेमारी हो सके और तमाम इलेक्ट्रॉनिक सबूत तथा डेटा को कब्जे में लिया जाए, जिससे उन लोगों की प्रतिष्ठा बचाई जा सके, जिन्हें पहले ब्लैकमेल किया गया था।
सिंह की शिकायत के आधार पर शुक्रवार को आईटी एक्ट की धारा 67 और 67 A के तहत सोनी के खिलाफ एमआईजी पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया था। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सांध्य अखबार ने आईटी अधिनियम के तहत दो लोगों के बीच अंतरंग बातचीत की तस्वीरें और विवरण प्रकाशित करके अपराध किया है।
इंदौर के एसएसपी रूचि वर्धन मिश्रा ने कहा कि सिंह ने न केवल तस्वीरों के बारे में शिकायत की थी बल्कि सोनी के व्यापारिक प्रतिष्ठानों में अन्य अनियमितताओं के बारे में भी जानकारी दी थी। उन्होंने बताया कि छपेमारी के दौरान पुलिस बल के साथ राजस्व, नारकोटिक्स और आबकारी विभाग के भी अधिकारी शामिल थे।