Amarnath Yatra 2025: अमरनाथ यात्रा 3 जुलाई से शुरू होने वाली है। इसे देखते हुए केंद्र सरकार कोई भी कोताही बरतने के मूड में नहीं है। गृह मंत्रालय ने जम्मू-कश्मीर सरकार के मुख्य सचिव और डीजीपी को यात्रा की पूरी सिक्योरिटी के लिए पैरामिलिट्री फोर्स की 581 कंपनियां तैनात करने का निर्देश दिया है। यह यात्रा पहलगाम में हुए आतंकी हमले के कुछ वक्त बाद हो रही है।

जम्मू और कश्मीर में अमरनाथ मंदिर हिंदुओं के लिए सबसे पवित्र मंदिरों में से एक है। 9 अगस्त तक चलने वाली यात्रा को शांतिपूर्ण और बिना किसी अप्रिय घटना के संपन्न कराना सरकार और केंद्र शासित प्रदेश में सुरक्षा बलों की पहली प्राथमिकता बनी हुई है। पिछले हफ्ते जम्मू-कश्मीर के एलजी मनोज सिन्हा ने सुरक्षा समीक्षा के लिए राजभवन में एक अहम मीटिंग की अध्यक्षता की थी।

गृह मंत्रालय ने जारी किया था पत्र

गृह मंत्रालय ने 23 मई को एक पत्र जारी किया था। इसमें जम्मू-कश्मीर सरकार के मुख्य सचिव, गृह विभाग के प्रधान सचिव और डीजीपी को बताया कि उन्हें सीएपीएफ की 156 कंपनियों का इस्तेमाल करने की इजाजत है। इतना ही नहीं सीआरपीएफ की 91 कंपनियां, एसएसबी की 30 कंपनियां, सीआईएसएफ की 15 कंपनियां, बीएसएफ की 13 कंपनियां और आईटीबीपी की सात कंपनियां भी तैनात रहेंगी।’

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सीएपीएफ की 581 कंपनियां तैनात रहेगीं

गृह मंत्रालय ने अपने एक मैसेज में कहा, ‘अमरनाथ यात्रा-2025 के दौरान सुरक्षा व्यवस्था के लिए वे पहले से ही जम्मू-कश्मीर में शॉर्ट टर्म बेसिस पर मौजूद हैं।’ एक CAPF कंपनी में लगभग 75-80 कर्मी शामिल होते हैं। गृह मंत्रालय ने आगे बताया कि 425 सीएपीएफ कंपनियां सिक्योरिटी के लिए 10 जून तक जम्मू-कश्मीर सरकार को उपलब्ध हो जाएंगी।

गृह मंत्रालय ने कहा, ‘सीएपीएफ की सभी 581 कंपनियां अमरनाथ यात्रा-2025 के पूरा होने तक तैनात रहेंगी और यात्रा पूरी होने के बाद सीएपीएफ की इन 581 कंपनियों को तुरंत हटा दिया जाएगा।’ जम्मू-कश्मीर पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि वे इन कंपनियों का इस्तेमाल अमरनाथ यात्रा से जुड़ी गुफा मंदिर, रास्तों, एरिया डोमिनेशन और अन्य सिक्योरिटी में किया जाएगा। श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड के अनुसार, इस साल तीर्थयात्रा 3 जुलाई से 9 अगस्त तक चलेगी और श्रद्धालु ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। जानिए क्यों की जाती है अमरनाथ यात्रा, क्या है इसका महत्व