राजस्थान के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी की हार के बाद अब पार्टी में मंथन का दौर जारी है। पार्टी में हार की समीक्षा की जा रही है। मंगलवार को कांग्रेस पार्टी की विधायक दल की बैठक की गई। इस बैठक में अशोक गहलोत और सचिन पायलट दोनों मौजूद रहे। पार्टी बैठक में पर्यवेक्षकों के सामने ही सचिन पायलट ने कुछ सवाल उठाए हैं। सचिन पायलट ने किसी का नाम तो नहीं लिया लेकिन इशारों में कहा कि चुनाव में कुछ कमियां रही हैं और उसे स्वीकार करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं ने लोगों का दिल जीत लिया होता, तो वे चुनाव जीत गए होते। मगर एक बात यह भी है कि राजस्थान में हर पांच साल बाद सत्ता बदलने की पुरानी परंपरा रही है।

बैठक के बाद पायलट ने क्या रहा?

विधानसभा चुनाव में हार के बाद मंथन को हुई बैठक के बाद सचिन पायलट ने कार्यकर्ताओं से अगले साल मई में संभावित लोकसभा चुनाव की तैयारी शुरू करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा हमें उम्मीद थी कि राजस्थान में हमारी सरकार दोबारा बनेगी, क्योंकि सभी ने मेहनत की है। इसके बावजूद कुछ कमियां रह गईं। इन कमियों को स्वीकार करना होगा। क्या कमियां थीं और क्या होनी चाहिए, इस पर लंबी चर्चा की जरूरत है। कमियों में सुधार किया जाएगा। पायलट ने यह भी कहा कि आने वाले समय में कांग्रेस एक मजबूत विकल्प कैसे बन सकती है, इस पर रणनीति तय करनी होगी।

उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास सत्ता में वापसी का था। हम अब भी जनता की आवाज बनकर लोगों के बीच मजबूत बने रहेंगे और कड़ी मेहनत करेंगे। पार्टी जल्द ही तय करेगी कि भविष्य का रास्ता कैसे तय किया जाएगा। मैं हमेशा युवाओं का पक्षधर रहा हूं। युवाओं को आगे लाना चाहिए और मुझे खुशी है कि पार्टी ने इस चुनाव में ऐसा किया। इस बैठक में नेता प्रतिपक्ष का फैसला आलाकमान पर छोड़ने का प्रस्ताव पारित किया गया। बैठक में पार्टी के सभी विधायक शामिल हुए, इस दौरान तीनों पर्यवेक्षकों ने एक-एक कर फीडबैक लिया।

इनपुट-आईएएनएस