Fair & Lovely drops fair from its Name:अमेरिका में अश्वेत नागरिक जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के बाद अश्वेत लोगों संग भेदभाव को लेकर दुनियाभर में रोष है। हाल ही में जॉनसन एंड जॉनसन ने अब उन उत्पादों को नहीं बेचने का फैसला किया है जिनके विज्ञापनों में काले धब्बों को कम करने का दावा किया जाता है।
अब इसी कड़ी में बड़ी एफएमसीजी कंपनी HUL (Hindustan Unilever) ने अपने ब्रैंड फेयर एंड लवली का नाम बदलने की घोषणा की है। कंपनी अपने ब्रैंड के नाम से फेयर शब्द हटाएगी। कंपनी का कहना है कि कई सालों से कंपनी पर दुराग्रह पैदा करने के आरोप लगते रहे हैं जिसके चलते अब कंपनी ने यह फैसला लिया है। कंपनी का कहना है कि नए नाम के लिए आवेदन किया गया है जिसे अभी स्वीकृति नहीं मिली है।
HUL (Hindustan Unilever) के चैयमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर संजीव मेहता का कहना है कि अपने कंपनी के स्कीन केयर का पोर्टफोलियो और व्यापक कर रहे हैं ताकि इससे सुंदरता के अलग-अलग रुप जुड़ सकें। साल 2019 में हमने हमने दो चेहरे वाला कैमइयो भी हटा दिया था और साथ ही शेड गाइड भी हटा लिया गया था। इस बदलाव का काफी सकारात्मक असर देखने को मिला था और ग्राहकों ने हमारा बखूबी साथ दिया था। अब हम ब्रांड के नाम से फेयर शब्द हटाने का ऐलान कर रहे हैं।
गौरतलब है कि साल 1975 में हिंदुस्तान यूनीलीवर ने “फेयर एंड लवली” नाम की क्रीम बाजार में उतारी थी। स्कीन टोनिंग क्रीम के बाजार का 50-70 फीसदी हिस्सा “फेयर एंड लवली” के पास ही है। इतना ही नहीं “फेयर एंड लवली” ने साल 2016 में 2000 करोड़ क्लब में प्रवेश किया था। इस बात से पता चलता है कि भारत में स्कीन टोनिंग को लेकर लोग कितने सजक रहते हैं। यह क्रीम बाजार में काफी बिकती है।