Jagdeep Dhankar Resignation: जगदीप धनखड़ ने उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया है, सोशल मीडिया पर तो अभी से ही अटकलों का बाजार गर्म हो चुका है। कोई कारण सियासी मान रहा है तो कोई इसे सीधे किसी और चीज से जोड़कर देख रहा है। लेकिन क्योंकि सरकार ने इस पर कुछ स्पष्ट नहीं बताया है, धनखड़ ने भी सिर्फ स्वास्थ्य कारणों पर फोकस किया है, ऐसे में अभी तक पुख्ता रूप से कुछ भी नहीं कहा जा सकता।

अब इस बीच हर किसी के मन में 5 सवाल जरूर आ रहे हैं, हर कोई गूगल पर इन्हें लेकर सर्च कर रहा है। ऐसे में एक ही जगह पर उन सभी पांच सवालों के जवाब दे देते हैं।

सवाल नंबर 1- जगदीप धनखड़ ने इस्तीफा क्यों दिया?

जगदीप धनखड़ ने जो एक चिट्ठी जारी की है, उसमें उन्होंने स्वास्थ्य कारणों को ही अपने इस्तीफे का कारण बताया है। उन्होंने अपनी तरफ से किसी भी तरह के सियासी प्रेशर का जिक्र नहीं किया है। लेकिन राजनीतिक गलियारों में अभी से चर्चा है कि किसी और वजह से अचानक से इस्तीफा हुआ है।

सवाल नंबर 2- धनखड़ की जगह कौन बनेगा उप राष्ट्रपति?

अभी तक किसी का भी नाम सामने नहीं आया है, लेकिन बीजेपी के अंदरखाने ऐसी बात चल रही है कि किसी अनुभवी नेता को ही इतना जरूरी पद मिलना चाहिए। चर्चा हरिवंश नारायण सिंह की भी हो रही है, इस समय वे उपसभापति की भूमिका निभा रहे हैं।

सवाल नंबर 3- धनखड़ के इस्तीफे के बाद राज्यसभा कैसे चलेगी?

जैसे हर चीज का बैकअप होता है, राज्यसभा भी ऐसी अप्रत्याशित घटनाओं के लिए तैयार रहता है। अगर कभी उपराष्ट्रपति अपने पद से इस्तीफा दे दें तो उस स्थिति में संसद की कार्यवाही उपसभापति के पास चली जाती है। जब तक नए उपराष्ट्रपति नहीं चुन लिए जाते, उपसभापति ही उस पद को संभालते हैं।

सवाल नंबर 4- क्या कोई कार्यवाहक उपराष्ट्रपति होगा?

इसका सीधा जवाब है नहीं। हमारा संविधान कोई भी ऐसा पद नहीं देता है, ऐसे में अगर उपराष्ट्रपति इस्तीफा देंगे तो जल्द से जल्द फिर चुनाव ही करवाना होगा।

सवाल नंबर 5- कैसे होंगे उप राष्ट्रपति के चुनाव?

संविधान के आर्टिकल 68 के मुताबिक, उपराष्ट्रपति के पद पर उनकी मृत्यु, इस्तीफा या पद से हटाए जाने या अन्य किसी कारण से होने वाली रिक्ति को भरने के लिए चुनाव, पद खाली होने के बाद जल्द से जल्द कराया जाएगा। संविधान के अनुच्छेद 66 के अनुसार, उपराष्ट्रपति का चुनाव संसद के दोनों सदनों के सदस्यों से मिलकर बने निर्वाचक मंडल के सदस्यों द्वारा आनुपातिक प्रतिनिधि पद्धति यानी प्रपोर्शनल रिप्रेजेंटेशन सिस्टम से होता है।

ये भी पढ़ें- सबसे मुखर उपराष्ट्रपति बनने में सफल रहे धनखड़